दिल्ली में सैन्य अस्पताल में इस महीने के अंत तक होंगे ऑक्सीजन वाले 950 बिस्तर
ईसीएचएस' के पैनल में शामिल अस्पतालों द्वारा पूर्व सैनिकों के उपचार से इनकार के कारण अस्पताल पर बोझ बढ़ रहा है;
दिल्ली में भारतीय सेना का बेस अस्पताल क्षमता की कमी से जूझ रहा है और यहां महीने के अंत तक ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की संख्या 450 से बढ़ाकर 950 किये जाने के प्रयास हो रहे हैं। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि फिलहाल अस्पताल के प्रवेश द्वार पर लंबी कतार नहीं हैं और स्वागत क्षेत्र का इस्तेमाल बीमारी की गंभीरता के आधार पर मरीजों को पृथक करने के लिये किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि गंभीर रोगियों के पृथक्करण की प्रक्रिया में 5-10 मिनट से ज्यादा का वक्त नहीं लगता। उन्होंने कहा कि स्वागत क्षेत्र में प्रतीक्षारत मरीजों की कतार क्षमता की कमी के कारण है।
एक सूत्र ने कहा, "एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में अभूतपूर्व स्थिति, बड़ी संख्या में चिकित्सा सहायता चाह रहे मरीज और 'ईसीएचएस' के पैनल में शामिल अस्पतालों द्वारा पूर्व सैनिकों के उपचार से इनकार के कारण अस्पताल पर बोझ बढ़ रहा है।" सूत्रों ने कहा कि स्वागत क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों के प्रबंधन के लिये टोकन व्यवस्था शुरू की गई है जो पद या सेवा की स्थिति के आधार पर किसी के बीच भेदभाव नहीं करती। उन्होंने कहा कि अस्पताल क्षमता के बेहद दबाव के साथ काम कर रहा है और अधिकतम लोगों की जान बचाना एक मात्र प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल की क्षमता को 340 बिस्तरों (240 ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों समेत) से अप्रैल के अंत में बढ़ाकर 650 बिस्तर (450 ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों समेत) किया गया था। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की संख्या को मई के अंत तक बढ़ाकर 950 करने का काम चल रहा है।