Delhi Air Quality: दिल्ली की हवा बनी हुई बेहद खराब, शादीपुर स्टेशन का एक्यूआई 342 दर्ज

Delhi Air Quality: दिल्ली में तेजी से बिगड़ती हवा की गुणवत्ता के बीच सोमवार सुबह धुंध की परत छा गई। दिल्ली में पिछली बार 17 मई को वायु गुणवत्ता अत्यंत खराब दर्ज की गई थी, जब एक्यूआई 336 था।;

Update: 2023-10-23 15:35 GMT

Delhi Air Quality: दिल्ली में तेजी से बिगड़ती हवा की गुणवत्ता (Delhi Air Quality) के बीच सोमवार सुबह धुंध की परत छा गई। दिल्ली में पिछली बार 17 मई को वायु गुणवत्ता अत्यंत खराब दर्ज की गई थी, जब एक्यूआई 336 था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सोमवार को चार बजे दिल्ली की हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 का स्तर 215 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर और पीएम 2.5 का स्तर 119 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। हवा में पीएम 10 का स्तर 100 और पीएम 2.5 का स्तर 60 से नीचे रहने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। इसके अनुसार दिल्ली की हवा में अभी मानकों से दोगुना ज्यादा प्रदूषण मौजूद है। दिल्ली का शादीपुर क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा। यहां का सूचकांक 342 के अंक पर रहा।

वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, अगले छह दिनों के दौरान आमतौर पर मौसम के कारक ऐसे ही बने रहेंगे। हालांकि, दिन भर खिली धूप के चलते रविवार की तुलना में सोमवार को प्रदूषण के स्तर में थोड़ी कमी आई है। तापमान में गिरावट और जाड़े की शुरुआत के साथ ही दिल्ली में प्रदूषण वाले घुटन भरे दिनों की शुरुआत हो गई है। दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर लगातार ही सामान्य से ज्यादा बना हुआ है। इसके चलते लोगों को प्रदूषित हवा से राहत नहीं मिलेगी। प्रदूषण का स्तर खराब या बेहद खराब श्रेणी में बना रहेगा। दिल्ली में फिलहाल बारिश के आसार नहीं हैं। कुल मिलाकर दिल्ली में अभी राहत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।

मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने कहा कि तापमान में गिरावट और पराली जलाने से होने वाले उत्सर्जन के कारण दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता अगले कुछ दिनों तक अत्यंत खराब रहेगी। अधिकारियों के अनुसार, हवा की गति धीमी है और पिछले दो वर्षों के विपरीत अक्टूबर में कम बारिश हुई है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) का अनुमान है कि सोमवार से धान की पराली जलाने में बढ़ोतरी हो सकती है। संबंधित विभाग के मुताबिक, रविवार को दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषण में धान की पराली जलाने से निकलने वाले धुएं की हिस्सेदारी 16 फीसदी थी और सोमवार को यह बढ़कर 30-32 फीसद हो सकती है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की घटनाओं की अधिकतम हिस्सेदारी पिछले साल 3 नवंबर को 34 प्रतिशत और 2021 में 7 नवंबर को 48 प्रतिशत थी।

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सिस्टम ऑफ एयर क्‍वालिटी और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान (एसएएफएआर) के आंकड़ों के अनुसार, लगातार दूसरे दिन राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब बनी रही और सोमवार सुबह समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 309 तक पहुंच गया। लोधी रोड पर, पीएम 2.5 सांद्रता के साथ एक्यूआई 304 पर था, जो बहुत खराब श्रेणी में था और पीएम 10 मध्यम श्रेणी में 177 पर था। इसके अलावा, आईआईटी दिल्ली स्टेशन पर पीएम 2.5 का लेवल 313 था, जो बहुत खराब श्रेणी में था, जबकि पीएम 10 मध्यम श्रेणी में था।

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