Delhi News: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने रेप के आरोपी को किया बरी, कहा- इस मामले में युवक को फंसाया गया

Delhi News: कोर्ट ने राज्य सरकार (State Government) को निर्देश देते हुए कहा कि युवक को एक लाख का मुआवजा (One Lakh Compensation) दिया जाएं। क्योंकि इस मामले में युवक के खिलाफ कोई सबूत (No Evidence) नहीं मिला है वहीं इसे फंसाने की साजिश रची गई थी।;

Update: 2021-08-13 12:15 GMT

Delhi News दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) ने आज नाबालिगों से रेप (Minor Raped Case) के आरोपी को बरी (Acquits Accused) कर दिया है। वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार (State Government) को निर्देश देते हुए कहा कि युवक को एक लाख का मुआवजा (One Lakh Compensation) दिया जाएं। क्योंकि इस मामले में युवक के खिलाफ कोई सबूत (No Evidence) नहीं मिला है वहीं इसे फंसाने की साजिश रची गई थी।

अदालत ने कहा कि बच्चों को उनके अभिभावकों ने बहुत कुछ सीखा रखा था। इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि जाति संबंधी घृणा के कारण ही उसे इस मामले में फंसाया गया है। तीस हजारी कोर्ट कोर्ट के जज ने कहा कि इस मुकदमे से संबंधित पर्याप्त सबूत इशारा करते हैं कि आरोपी जो कि दलित समुदाय से है, इसके प्रति बच्चों के अभिभावकों की प्रवृत्ति पक्षपातपूर्ण है। वहीं, समाज में इस वर्ग केे लोगों पर अत्याचार और फंसाने के कई मामले सामने आ चुके है।

वहीं समाज में इन लोगों पर उच्च वर्ग के लोगों द्वारा घृणा बढ़ती जा रही है। उसे इस मामले में फंसाया गया है। अदालत ने यह भी कहा कि एक बेकसूर व्यक्ति ने छह साल तक झूठे बलात्कार जैसे गंभीर आरोपों का सामना किया। इसकी भरपाई के एंवज में यह व्यक्ति मुआवजा पाने का हकदार है, इसलिए उसे एक लाख रुपये दिए जाएं।

इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि आपराधिक न्याय देने के मामले में हमारा अनुभव है कि लोग अनगिनत कारणों से झूठे आरोप लगाते हैं जिनमें से एक है जातिगत घृणा जैसा कि इस मामले में सबूतों को देखते हुए सामने आई है।

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