DTC Bus Scam: दिल्ली में डीटीसी बस घोटाला मामले में CM अरविंद केजरीवाल को मिली क्लीन चीट

उपराज्यपाल द्वारा एक गठित कमेटी ने दिल्ली में बस घोटाले की जांच की थी। जिसमें सीएम केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार इस मामले में बेदाग पाया गया। उपराज्यपाल द्वारा कमेटी को जांच प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई। इससे पहले, भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल सरकार द्वारा 1000 डीटीसी बसों की खरीद और मेंटिनेंस कॉन्ट्रैक्ट में अनियमितताएं की गई हैं।;

Update: 2021-07-10 12:32 GMT

राष्ट्रीय राजधानी में बस घोटाला मामले (DTC Bus Scam) में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) को क्लीन चीट (Clean Cheat) मिल गई है। ये आरोप दिल्ली बीजेपी (Delhi BJP) द्वारा लगाया था। ये क्लीन चीट उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दी है। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद में कथित घोटाले में ये मामला जोर पकड़ा था।दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा गठित एक कमेटी ने सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को आज क्लीन चिट दे दी।

सूत्रों के अनुसार, उपराज्यपाल द्वारा एक गठित कमेटी ने दिल्ली में बस घोटाले की जांच की थी। जिसमें सीएम केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार इस मामले में बेदाग पाया गया। उपराज्यपाल द्वारा कमेटी को जांच प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई। इससे पहले, भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल सरकार द्वारा 1000 डीटीसी बसों की खरीद और मेंटिनेंस कॉन्ट्रैक्ट में अनियमितताएं की गई हैं।

इसके बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 16 जून को तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दो सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने को कहा था। विजेंद्र गुप्ता ने आज एक के बाद एक तीन ट्वीट कर लिखा कि डीटीसी बस खरीद घोटाले पर बेशर्म नृत्य करने में 'आप' की संलिप्तता से ज्यादा घृणित क्या हो सकता है। अगर कोई वित्तीय अनियमितता नहीं हुई है तो एलजी की गठित कमेटी ने एक नया टेंडर जारी करने के लिए क्यों कहा है? यह तब है जब सरकार द्वारा वर्क ऑर्डर जारी किया गया था। हमारा पहले दिन से अनुरोध है कि आपराधिक जांच सुनिश्चित करने के लिए डीटीसी बस घोटाले को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को सौंप दिया जाना चाहिए।

वहीं दिल्ली सरकार ने कहा कि बाजपा तुच्छ राजनीति कर रही है। दिल्ली सरकार को बदनाम करने की साजिश रज रही है। एलजी द्वारा गठित कमेटी जिसमें परिवहन सचिव भी सदस्य के रूप में थे, पूरी तरह से जांच करने के लिए सक्षम नहीं है। भाजपा नेता ने कथित बस घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा कि आप सरकार द्वारा करदाताओं के 3500 करोड़ रुपये की आपराधिक बर्बादी को उचित जांच की कमी के कारण दबाया जा सकता है।

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