दिल्ली पर मंडराया बिजली संकट, केजरीवाल सरकार ने केंद्र से की बिजली की आपूर्ति की मांग

राष्ट्रीय राजधानी (Power Crisis) दिल्ली में चारों ओर बिजली संकट की चर्चा चल रही है। माना जा रहा है कि यहां बिजली की बत्ती गुल हो सकती है। ऐसे में दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने बिजली की आपूर्ति बढ़ाई जाने के लिए बिना नोटिस दिए केंद्र से आवंटन की मांग की है।;

Update: 2022-03-30 07:37 GMT

राष्ट्रीय राजधानी (Power Crisis) दिल्ली में चारों ओर बिजली संकट की चर्चा चल रही है। माना जा रहा है कि यहां बिजली की बत्ती गुल हो सकती है। ऐसे में दिल्ली सरकार  (Delhi Government) ने बिजली की आपूर्ति बढ़ाये जाने के लिए केंद्र से बिजली आवंटन की मांग की है। वही मंत्रालय का कहना है कि केंद्र सरकार ने बिजली का एक बड़ा हिस्सा पड़ोसी राज्य हरियाणा को देने का फैसला किया है, मंत्रालय ने यह भी बताया की दिल्ली सरकार ने खुद बिजली छोड़ने का फैसला किया है।

जबकि दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र के इस कदम से राजधानी में बिजली संकट पैदा हो जाएगा। इस मामले को लेकर केजरीवाल और केंद्र सरकार में तना तनी चल रही है। इस मामले को लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच नई बहस छिड़ गई है। विद्युत मंत्रालय के सचिव द्वारा 28 मार्च को जारी एक आदेश में कहा गया है, 'दादरी-II पावर स्टेशन पर दिल्ली सरकार द्वारा बिजली की मात्रा छोड़ने और हरियाणा सरकार की इच्छा को देखते हुए 1 अप्रैल 2022 से 728 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया।

हरियाणा को 21 अक्टूबर 2022 तक बिजली दी जाएगी। इसके बाद केंद्रीय मंत्रालय ने एनटीपीसी के दादरी पावर प्लांट से दिल्ली को बिजली नहीं देने का फैसला किया है। दिल्ली में बिजली विभाग का कहना है कि केंद्र का यह आदेश गलत है। दिल्ली सरकार का कहना है कि केवल दादरी 1 प्लांट से ही 750 मेगावाट बिजली छोड़ने का फैसला किया गया है।

दादरी पावर प्लांट से बिजली की जरूरत हमेशा बनी रहेगी। 30 नवंबर 2020 को ही दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने दादरी पावर प्लांट की बिजली सरेंडर करने का फैसला किया था। सवाल के जवाब में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के प्रवक्ता ने दिल्ली सरकार का वह पत्र भी दिखाया, जिसमें दिल्ली के 11 बिजली संयंत्रों की बिजली का हिस्सा सरेंडर करने को कहा गया था और इसमें दादरी बिजली संयंत्र भी शामिल था, लेकिन यह पत्र 2015 में लिखा गया था।

इससे दिल्ली को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है

दिल्ली के लगभग 46 लाख उपभोक्ता या कुल बिजली उपयोगकर्ताओं में से 68 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति बीएसईएस डिस्कॉम ((BSES Discoms) से होती है। यह उन पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। अच्छी बात यह है कि टाटा पावर की सर्विस लेने वाले बाकी लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी। दादरी स्टेज- II की 718 मेगावाट क्षमता वर्तमान में बीएसईएस यमुना और बीएसईएस राजधानी को आवंटित की जाती है, जबकि टाटा पावर (TATA POWAR ) को केवल 10 मेगावाट बिजली मिलती है।

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