कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारियों मे जुटी दिल्ली सरकार, यहां पढ़ें पूरी डिटेल

दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने ऑक्सीजन (Oxygen) उत्पादन संयंत्र लगाने और क्रायोजेनिक टैंकर (Cryogenic Tanker) खरीदने के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।;

Update: 2021-09-02 12:28 GMT

दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने ऑक्सीजन (Oxygen) उत्पादन संयंत्र लगाने और क्रायोजेनिक टैंकर (Cryogenic Tanker) खरीदने के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। आपको बता दें कि आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 16 सितंबर तय की गई है। राष्ट्रीय राजधानी में जीवन रक्षक गैस की उपलब्धता में सुधार करने के इरादे से उत्पादन संयंत्र और भंडारण सुविधाओं को स्थापित करने के वास्ते मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन (Medical Oxygen Production) संवर्धन नीति के तहत प्राइवेट क्षेत्र को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। आपको बता दें कि इस नीति से उद्देश्य भविष्य में किसी भी संकट या मेडिकल इमर्जेंसी (Medical Emergency) की स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली को मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) का लक्ष्य 50 मीट्रिक टन प्रति यूनिट की न्यूनतम क्षमता वाले तरल ऑक्सीजन उत्पादन (Oxygen Production) संयंत्र स्थापित करना है। कुल लक्षित क्षमता 100 मीट्रिक टन है। इसके तहत न्यूनतम 10 एमटी और अधिकतम 50 एमटी क्षमता के नन-कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र (पीएसए / एयर सेपरेशन यूनिट प्रौद्योगिकी) की स्थापना होगी, जब तक कि कुल 100 मीट्रिक टन क्षमता का निर्माण पूरा नहीं हो जाता। नीति दस्तावेज के अनुसार, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) उत्पादन संयंत्रों और गैर-कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों को वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की तारीख से पहले पांच वर्षों के लिए विनिर्माण प्रक्रिया में खपत बिजली पर 4 रुपये प्रति यूनिट की दर से सब्सिडी दी जाएगी।

बता दें कि दिल्ली में अप्रैल और मई में ऑक्सीजन की भारी कमी से जूझना पड़ा था। और राजधानी के अस्पतालों ने अपने घटते स्टॉक को फिर से भरने के लिए अधिकारियों को एसओएस कॉल भेजे थे। कई निजी अस्पतालों ने सरकार से अपने मरीजों को इस गंभीर परिस्थिति से बाहर निकालने का अनुरोध किया था। 23 अप्रैल को, ऑक्सीजन की कमी के कारण उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार कम से कम 21 कोरोना रोगियों की मृत्यु हो गई थी।

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