दिल्ली सरकार का ऐलान, ऑक्सीजन की कमी से मरने वाले लोगों के परिजनों को मिलेगा 5-5 लाख मुआवजा

सिसोदिया ने ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन संकट पैदा हो गया था और ऐसी खबरें हैं कि कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हुई थी। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला लिया।;

Update: 2021-06-04 11:11 GMT

दिल्ली में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की दूसरी लहर की सुनामी में कई लोगों ने अपने को खोया। वहीं अस्पतालों (Delhi Hospitals) में संसाधनों की कमी से भी लोगों की जान गई। जबकि ऑक्सीजन की कमी से भी कई लोगों की मौत हुई। जिसे लेकर दिल्ली सरकार (Delhi Goverment) ने ऐलान किया है। इस बारे में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने (Manish Sisodia) शुक्रवार को कहा कि प्रदेश की सरकार ने यह पता लगाने के लिए चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की है कि क्या कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी (Lack Of Oxygen) के कारण मरीजों की मौत हुई और वह इसके लिए उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) की मंजूरी का इंतजार कर रही है।

सिसोदिया ने ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन संकट पैदा हो गया था और ऐसी खबरें हैं कि कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हुई थी। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और मामले की जांच के लिए चार सदस्य समिति गठित करने का फैसला लिया। इस समिति में चिकित्सा विशेषज्ञ हैं। हमने उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए फाइल भेजी है।

सिसोदिया ने कहा कि यह समिति हफ्ते में एक बार बैठक करेगी और हर मामले पर गौर करेगी तथा यह फैसला करेगी कि क्या जीवनरक्षक गैस की कमी के कारण मौत हुई। जैसे ही उपराज्यपाल फाइल को मंजूर करते हैं तभी यह समिति काम करना शुरू कर देगी। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। 

अस्पताल में हुई मौतों की सीबीआई जांच के लिये याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब तलब

दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन की कथित कमी के चलते पिछले महीने यहां जयपुर गोल्डन अस्पताल में कोविड के 21 मरीजों की मौत मामले की सीबीआई से जांच के लिये याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार को शुक्रवार को अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने केंद्रीय गृह एवं स्वास्थ्य मंत्रालयों और दिल्ली सरकार से याचिका पर 20 अगस्त तक अपने-अपने जवाब देने को कहा है। यह याचिका 23 अप्रैल और 24 अप्रैल की दरम्यानी रात को जान गंवाने वाले कुछ मरीजों के परिवारों ने दायर की है। 

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