एनजीटी चेयरमैन गोयल के साथ उपराज्यपाल सक्सेना ने किया नजफगढ़ नाले का निरीक्षण
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल के साथ अपनी एक अहम योजना साहिबी नदी के पुनरुद्धार (नजफगढ़ नाले) की सफाई को लेकर निरीक्षण किया।;
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल के साथ अपनी एक अहम योजना साहिबी नदी के पुनरुद्धार (नजफगढ़ नाले) की सफाई को लेकर निरीक्षण किया। दोनों भारत नगर (अशोक विहार) से तिमारपुर तक नाले के अंदर नाव में बैठकर सघनता से सफाई कार्यों का जायजा लिया। इस अवसर पर दोनों के अलावा दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार व अन्य आला अधिकारी भी मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान एनजीटी अध्यक्ष गोयल ने नाली की जल्द से जल्द सफाई की जरूरत पर जोर दिया, जिसको लेकर उपराज्यपाल ने भरोसा दिया कि समयबद्ध तरीके से ठोस कार्य प्रणाली के तहत कार्य पूर्ण होगा।
वहीं निरीक्षण के बाद न्यायमूर्ति गोयल ने किए इन प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि यमुना में प्रदूषण को कम करने और साहिबी नदी के पुनरुद्धार के मामले में वांछित परिणाम प्राप्त होंगे। एनजीटी अध्यक्ष ने एलजी से कहा कि यह अफसोस की बात है कि अतीत में लगातार अदालत की निगरानी और आदेशों के बावजूद नजफगढ़ नाले की सफाई के मामले में बहुत कम परिणाम प्राप्त किए हैं। लेकिन अब यह सुनिश्चित किया ही जाना चाहिए कि वर्तमान में किए जा रहे गंभीर प्रयासों को उनके उज्जवल निष्कर्ष पर ले जाया जाए। उपराज्यपाल ने अपनी ओर से उन्हें आश्वासन दिया कि नजफगढ़ नाले में सीवेज और गाद लाने वाले सभी 122 फीडर नालों को जल्द से जल्द बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी कि नजफगढ़ नाला साहिबी नदी के मूल अवतार में फिर से जीवित हो जाए।
अधिकारियों ने एनजीटी अध्यक्ष को सूचित किया गया था कि पहले चरण में 57 किलोमीटर के नाले की सफाई और कायाकल्प पर काम कर रहे हैं, जिसमें अत्यधिक लागत प्रभावी आंशिक गुरुत्वाकर्षण डी-सिल्टिंग तकनीक का उपयोग किया है और 32 फीडर नालों को बंद करना शामिल है, जो तिमारपुर और भारत नगर के बीच है और उसे लगभग पूरा कर लिया गया है। जबकि मॉल रोड ब्रिज और भारत नगर के बीच 7.5 किलोमीटर की दूरी पर सफाई का काम भी पूरा कर लिया गया है। जानकारी अनुसार नाले में सिल्ट सीवरेज और कीचड़ का करीब 80 लाख टन से अधिक पानी के नीचे ठोस कचरा, गाद माउंट बना है। पिछले कुछ महीनों के दौरान किए गए प्रयासों के कारण इसमें से लगभग 50 हजार टन से अधिक गाद निकाली जा चुकी है। इसके अलावा 27 हजार टन सतही कचरा, गाद जो ज्यादातर नाली की बाहरी परिधि पर जमा हुआ है, को हटाकर किनारों पर जमा कर दिया गया है।