मनीष सिसोदिया ने गिरफ्तारी के खिलाफ खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, राहत मिलेगी या नहीं!
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।;
दिल्ली में बीते दो दिनों से आबकारी नीति को लेकर राजनीतिक उठापटक का दौर जारी है। दिल्ली की आबकारी नीति पर अब एक नया मोड़ सामने आया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इसी के साथ मनीष सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के सामने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए सुबह 10.30 बजे जिक्र किया।
इस मामले को सूचीबद्ध करते समय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि आपके पास दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत अन्य उपाय हैं। इसके बाद सिंघवी ने कहा कि विनोद दुआ मामले में इस तरह की याचिका पर सुनवाई हुई। इसे आज बोर्ड के अंत में या कल सूचीबद्ध किया जा सकता है। इसको देखते हुए सीजेआई ने कहा कि हम आज दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर मामले की सुनवाई करेंगे।
सीबीआई ने दिल्ली की आबकारी नीति को लेकर यह आरोप लगाया कि सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के अन्य सदस्यों ने रिश्वत के बदले कुछ व्यापारियों को शराब के लाइसेंस दिए। इसके साथ ही सीबीआई ने पूछताछ के बाद कहा था कि सिसोदिया नीति से जुड़े हुए सवालों के जवाब सही से नहीं दे रहे हैं।
सीबीआई ने उन्हें रविवार शाम आठ घंटे चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सीबीआई ने सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए मनीष सिसोदिया को चार मार्च तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है।
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए, इसी के साथ पुलिस भी पूरे एक्शन मोड में नजर आई पुलिस ने आप दफ्तर के बाहर धारा 144 लगाकर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया। इस मामले पर आप नेताओं ने कहा कि सिसोदिया निर्दोष हैं।