दिल्ली मेट्रो परिचालन दो दशक पूरे करने की ओर, 8 किमी से 400 के करीब पहुंची लंबाई
राजधानी दिल्ली की लाइफ लाइन बन चुकी दिल्ली मेट्रो इसी माह अपने परिचालन के दो दशक पूरे करने की ओर अग्रसर है। वर्ष 2002 में 25 दिसंबर को रेड लाइन पर शाहदरा - तीस हजारी के बीच महज 8.5 किमी के छोटे से खंड से शुरू हुआ मेट्रो का परिचालन 20 साल में बढ़कर 391 किमी में फैल चुका है।;
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की लाइफ लाइन बन चुकी दिल्ली मेट्रो इसी माह अपने परिचालन के दो दशक पूरे करने की ओर अग्रसर है। वर्ष 2002 में 25 दिसंबर को रेड लाइन पर शाहदरा - तीस हजारी के बीच महज 8.5 किमी के छोटे से खंड से शुरू हुआ मेट्रो का परिचालन 20 साल में बढ़कर 391 किमी में फैल चुका है। रेड लाइन पर प्रथम मेट्रो परिचालन के बाद दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) एक बाद एक मील के पत्थर स्थापित करती गई और आज दो दशक में मेट्रो लाइन का जाल 1 से बढ़कर 12 लाइनों के रूप में सामने है। वहीं सबसे पहली और पुरानी रेड लाइन भी समय के साथ अपना विस्तार करती गई और आज दिल्ली के रिठाला से राजधानी की सीमा से बाहर यूपी के गाजियाबाद में शहीद स्थल तक फैल चुकी है। अकेले रेड लाइन पर ही कुल 29 मेट्रो स्टेशन हैं और इसकी लंबाई भी 8.5 किमी से बढ़कर 34.5 किमी हो चुकी है।
रेड लाइन रंग से बनता गया रंगा बिरंगा मेट्रो गुलदस्ता
सबसे पहली लाइन का रंग रेड रखा गया था। बाद में साल दर साल मेट्रो के गुलदस्ते में रंगों की बहार खिलती गई और आज दिल्ली मेट्रो के इस खूबसूरत गुलदस्ते में 11 अलग अलग रंग शामिल हो चुके है। मेट्रो को लाइन के अलावा दूसरे तरीके से भी पहचाना जाता है वह है हर लाइन का अपना अलग कलर कोड (रंग)। सबसे पहली लाइन का रंग रेड था जबकि इसके बाद जैसे जैसे नई लाइनें बनती गई, वैसे वैसे इन लाइनों का रंग भी बदलता गया। आज रंगों के इस गुलदस्ते में रेड लाइन, ब्लू लाइन, येलो लाइन, ग्रीन लाइन, पिंक लाइन, ग्रे लाइन, मजेंटा लाइन, सिल्वर लाइन, एक्वा लाइन, वायलेट लाइन, ऑरेंज लाइन और रैपिड मेट्रो के रंग शामिल है। आने वाले समय में इन रंगों में और नए रंग शामिल होंगे।
मेट्रो मैन डॉ ई श्रीधरन से लेकर विकास कुमार तक निभा रहे है अहम भूमिका
दिल्ली मेट्रो रेल निगम के गठन के समय सबसे पहले एमडी की जिम्मेदारी संभालने वाले डॉ ई श्रीधरन ने दिल्ली जैसे तंग शहर में मेट्रो रेल चलाकर आधुनिक परिवहन की नई शुरुआत को भली भांति पूरा करते हुए 2012 तक अपनी अहम भूमिका निभाई। इनके बाद डॉ मंगू सिंह ने डीएमआरसी की जिम्मेदारी संभाली और 31 मार्च 2022 तक मेट्रो विस्तार में अपनी जिम्मेदारी अदा की। वर्तमान में विकास कुमार मेट्रो निर्माण को आगे बढ़ा रहे है।
सोनीपत तक मेट्रो की मांग अभी तक नहीं हुई पूरी, लाखें लोग कर रहे है इंतजार
दिल्ली मेट्रो राजधानी से नोएडा, गाजियाबाद, बहादुरगढ़, गुरुग्राम तक का सफर तय कर रही है जिसमें रोजाना लाखों यात्री आवागमन करते है। लेकिन लंबे समय से सोनीपत वाया कुंडली बॉर्डर मेट्रो लाइन की मांग हो रही है लेकिन अभी तक इस रूट पर शुरुआत नहीं हुई है। दिल्ली से नरेला-कुंडली-सोनीपत तक मेट्रो निर्माण अगर होता है तो इस रूट के लाखों यात्रियों को लाभ मिल सकता है। रोजाना सोनीपत व इसके आसपास के क्षेत्रों से लाखों लोग दिल्ली आते जाते है। ऐसे में इन यात्रियों को मेट्रो रेल की कमी खलती रही है।