Delhi: राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बना दिखावा, नौकरशाह पलट रहे CM के फैसले

Delhi: अध्यादेश (Ordinance) के जरिए दिल्ली (Delhi) में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर गठित राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) की हुई बैठकों में नौकरशाहों के मनमाने रवैये से साफ होता जा रहा है कि यह प्राधिकरण मात्र एक दिखावा बनकर रह गया है।;

Update: 2023-07-02 16:07 GMT

Delhi: अध्यादेश (Ordinance) के जरिए दिल्ली (Delhi) में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर गठित राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) की हुई बैठकों में नौकरशाहों के मनमाने रवैये से साफ होता जा रहा है कि यह प्राधिकरण मात्र एक दिखावा बनकर रह गया है। केजरीवाल सरकार का कहना है कि नौकरशाह एकतरफा निर्णय लेकर मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णयों को पलट दे रहे हैं। इसकी एक बानगी 29 जून, 2023 को हुई एनसीसीएसए (NCCSA) की दूसरी बैठक में देखने को मिली। इस बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों की पूरी तरह से अवहेलना की गई है, जो ये दिखाता है कि एनसीसीएसए मात्र एक दिखावा से ज्यादा कुछ नहीं है।

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केजरीवाल सरकार का कहना है कि दिल्ली पर लाए गए अध्यादेश के तहत मुख्यमंत्री को एनसीसीएसए का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि दिल्ली के मुख्य सचिव और प्रमुख गृह सचिव को सदस्य बनाया गया है। एनसीसीएसए अपने फैसले बहुमत के आधार पर लेगा। ऐसे में इस अध्यादेश ने केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त दोनों नौकरशाहों मुख्य सचिव और प्रमुख गृह सचिव को मुख्यमंत्री के किसी भी फैसले को पलटने में सक्षम बना दिया है। एक तरह से नौकरशाहों को एनसीसीएसए को चलाने का अनियंत्रित शक्ति मिल गई है और चुनी हुई सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे मुख्यमंत्री एनसीसीएसए में खुद को अल्पमत में पाते हैं।

ट्रांसफर-पोस्टिंग प्रस्तावों पर केजरीवाल ने कई निर्देश जारी किए

केजरीवाल सरकार की तरफ से बताया गया कि 29 जून को हुई एनसीसीएसए की बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लंबित ट्रांसफर-पोस्टिंग प्रस्तावों से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। इन निर्देशों में शिक्षा विभाग से योग्य अधिकारियों को हटाने पर आपत्तियां और महिला अधिकारियों उनके वर्तमान पदों से ट्रांसफर को मंजूरी देना शामिल था। इसमें 11 महिला अधिकारियों ने सहानुभूति के आधार पर अपना ट्रांसफर का अनुरोध किया था। सीएम अरविंद केजरीवाल ने इन अनुरोधों का समर्थन करते हुए कहा था कि कामकाजी महिलाएं ऑफिस और घर दोनों जगह काम संभालती हैं। इसलिए उनके अनुरोधों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाना चाहिए।

योग्य अधिकारियों को शिक्षा विभाग से हटाया जा रहा

बताया कि 29 जून की उस बैठक में दोनों नौकरशाहों ने मुख्यमंत्री के रुख का विरोध नहीं किया। लेकिन यह अफसोस की बात है कि बैठक में मिनट्स को अंतिम रूप देते समय मुख्य सचिव और प्रमुख गृह सचिव ने एकमत होकर मुख्यमंत्री के सभी निर्णयों को पलट दिया और अपने एजेंडे को आगे बढा दिया। इस तरह बैठक का निष्कर्ष यह रहा है कि 11 महिला अधिकारियों को सहानुभूति के आधार पर उनके महत्वपूर्ण कारण होने के बावजूद ट्रांसफर से वंचित कर दिया। इसके अलावा, सभी योग्य अधिकारियों को शिक्षा विभाग से हटाया जा रहा है। इन योग्य अधिकारियों के हटाए जाने से शिक्षा विभाग में अब तक हुई प्रगति पर असर पड़ेगा।

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