दिल्ली में आज फिर ऑक्सीजन की किल्लत, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फिर लगाई फटकार, कही ये बड़ी बात
सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि बीते दिन आपने हलफनामा दिया था कि 700 एमटी ऑक्सीजन सप्लाई किया गया है, हम साफ कर देना चाहते हैं कि दिल्ली को हर रोज़ 700 एमटी ऑक्सीजन मिलना चाहिए, सिर्फ एक दिन के लिए ही नहीं. हम सख्त फैसला लेना पर मजबूर ना करें।;
Delhi Oxygen Crisis दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत आज फिर से देखने को मिली है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने केंद्र (Central Government) को फिर से फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमें सख्त फैसला लेने पर मजबूर ना करें। आपको बता दें कि दिल्ली को फिर 700 MT से कम ही ऑक्सीजन मिला। सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि बीते दिन आपने हलफनामा दिया था कि 700 एमटी ऑक्सीजन सप्लाई किया गया है, हम साफ कर देना चाहते हैं कि दिल्ली को हर रोज़ 700 एमटी ऑक्सीजन मिलना चाहिए, सिर्फ एक दिन के लिए ही नहीं. हम सख्त फैसला लेना पर मजबूर ना करें। जस्टिस शाह ने इस दौरान कहा कि हमने कल ही कहा था कि दिल्ली को अगले आदेश तक हर रोज़ 700 एमटी ऑक्सीजन की सप्लाई मिलनी चाहिए, जब कमेटी की रिपोर्ट आएगी उसके बाद हम देखेंगे।
दिल्ली को आज सुबह 89 एमटी ऑक्सीजन मिली
इसी दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने अदालत में दिल्ली का मामला उठा दिया। उन्होंने कहा कि देर रात तक दिल्ली को 527 एमटी ऑक्सीजन मिली, सुबह 8 बजे 89 एमटी ऑक्सीजन मिली। बाकी के दिन में भी 16 एमटी मिलने की संभावना है। आपको बता दें कि दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत कई दिनों से चल रही है, कई प्राइवेट अस्पतालों द्वारा हाईकोर्ट का रुख किया गया था। जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि दिल्ली को 700 एमटी ऑक्सीजन दी जाए।
बोर्ड परीक्षा के छात्रों के टीकाकरण के लिए याचिका दायर
दिल्ली हाईकोर्ट में शुक्रवार को दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) में केंद्र और दिल्ली सरकार को 2020-21 सत्र के लिए बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले 10वीं और 12वीं के सभी विद्यार्थियों को टीका लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने तीन वकीलों द्वारा दायर याचिका पर शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्रालयों तथा दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर उनसे इस संबंध में अपना पक्ष रखने को कहा। अदालत ने पूछा कि जिन कोविड-19 टीकों का फिलहाल इस्तेमाल किया जा रहा है क्या उन्हें 18 साल से कम उम्र के लोगों को दिया जा सकता है।