दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में दायर किया हलफनामा, हिंसा में किसी राजनीतिक नेता के शामिल होने से किया माना

होईकोर्ट में पुलिस का बयान उन याचिकाओं के जवाब में आया है जिनमें आरोप लगाये गये थे कि कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा समेत भाजपा नेताओं ने नफरत भरे भाषण दिये थे जिससे हिंसा भड़की।;

Update: 2020-07-14 09:26 GMT

दिल्ली हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। इस हलफनामे में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इस हिंसा में किसी भी नेता की कोई भूमिका नहीं थी। इसलिए किसी नेता पर कोई केस नहीं हो सकता। वैसे इस हिंसा काे उकसाने में कथित तौर पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा का नाम लिया जा रहा था।

होईकोर्ट में पुलिस का बयान उन याचिकाओं के जवाब में आया है जिनमें आरोप लगाये गये थे कि कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा समेत भाजपा नेताओं ने नफरत भरे भाषण दिये थे जिससे हिंसा भड़की। एक अन्य अर्जी में आरोप लगाया गया था कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस नेताओं तथा मनीष सिसोदिया, अमानतुल्ला खान जैसे आप नेताओं तथा एआईएमआईएम विधायक वारिस पठान ने भी घृणाभरे भाषण दिये थे।

परंतु दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में कहा है कि हिंसा में उनकी भूमिका को लेकर अब तक कोई सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस ने कहा कि कोई फ्रेश एफआईआर दर्ज करने की जरूरत नहीं है। अगर आगे कोई सबूत मिला तो जांच की जाएगी।

दिल्ली पुलिस ने अपने हलफनामे में कहा है कि इस मामले में कुल 751 केस दर्ज हुए, जिनमें से 53 दंगे के साथ हत्या के, 29 दंगे के साथ हत्या के प्रयास के, 665 दंगे के, 3 दंगे के साथ डकैती के और एक दंगे के साथ असॉल्ट का केस है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक इनमें से 200 केस में चार्जशीट दायर की जा चुकी है। अब तक 1430 लोग गिरफ्तार हुए हैं। दिल्ली पुलिस के हलफनामे में 581 लोगों के घायल होने का जिक्र है। इनमें से 97 लोग गोली से घायल हुए. घायलों में 108 पुलिसकर्मी हैं। 

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