Delhi Pollution Update: प्रदूषण से दिल्ली का हाल बेहाल, बढ़ाई गई 'Red Light On, Gaadi Off' अभियान की समयसीमा
Delhi Pollution Update: हवाओं की बदली दिशा और पराली जाने से होने वाले प्रदूषण में कमी की वजह से दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 388 दर्ज किया गया जबकि मंगलवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 476 दर्ज किया गया था।;
दिल्ली में प्रदूषण से हालत काफी गंभीर हो चुकी है। वहीं छह दिन तक वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रहने के बाद बुधवार को इसमें हल्का सुधार आया। हवाओं की बदली दिशा और पराली जाने से होने वाले प्रदूषण में कमी की वजह से दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 388 दर्ज किया गया जबकि मंगलवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 476 दर्ज किया गया था।
दिल्ली के पड़ोसी शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब
दिल्ली के पड़ोसी शहरों में भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। आंकड़ों के मुताबिक फरीदाबाद का एक्यूआई 345, गाजियाबाद का 390, नोएडा का 339, ग्रेटर नोएडा का 322 और गुरुग्राम का एक्यूआई 309 दर्ज किया गया। दिल्ली में सुबह नौ बजे पीएम-2.5 का स्तर 233 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया जो आपात स्थिति 300 माइक्रोग्राम से कम है। हालांकि, 60 माइकोग्राम प्रति घन मीटर से नीचे का स्तर सुरक्षित माना जता है।
पराली जलाने की करीब 3,500 घटनाएं दर्ज
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक दिल्ली में मंगलवार दोपहर के पीएम-2.5 का स्तर 528 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के स्तर पर पहुंच गया था जबकि एक समय यह 685 के स्तर पर था। सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक सुबह नौ बजे पीएम 10 का स्तर 384 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया जबकि भारत में 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम पीएम-10 को सुरक्षित माना जाता है। पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक कि पंजाब में मंगलवार को पराली जलाने की करीब 3,500 घटनाएं हुईं लेकिन पूर्वी हवाओं की वजह सेइनका प्रभाव दिल्ली पर नगण्य रहा।
दिल्ली सरकार ने 'रेड लाइट आन, गाड़ी आफ' अभियान 30 नवम्बर तक बढ़ाया
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि आप सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए 'रेड लाइट आन, गाड़ी आफ' अभियान को 30 नवम्बर तक बढ़ाने का फैसला किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 21 अक्टूबर को इस अभियान की शुरुआत करते हुए कहा था कि यदि शहर में 10 लाख वाहन भी इस अभियान में शामिल हो जाते हैं, तो एक वर्ष में पीएम10 का स्तर 1.5 टन और पीएम2.5 का 0.4 टन कम हो जाएगा।