दिल्ली दंगा : हेट स्पीच मामले पर इन नेताओं पर गिर सकती है गाज, सुप्रीम कोर्ट ने HC को जल्द फैसला लेने का दिया आदेश

देश की सबसे बड़ी अदालत (सुप्रीम कोर्ट) ने दिल्ली दंगों (Delhi riots) के मामले में कथित अभद्र भाषा (hate speech) के लिए राजनेताओं के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय (DELHI HIGH COURT) से फैसला करने को कहा है।;

Update: 2021-12-17 11:44 GMT

देश की सबसे बड़ी अदालत (सुप्रीम कोर्ट) ने दिल्ली दंगों (Delhi riots) के मामले में कथित अभद्र भाषा (hate speech) के लिए राजनेताओं के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय (DELHI HIGH COURT) से फैसला करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाईकोर्ट (DELHI HIGH COURT) को तीन महीने के भीतर प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने पर फैसला लेने का निर्देश दिया है।

दरअसल, हेट स्पीच मामले (hate speech case) में नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग सुप्रीम कोर्ट में की गई है। अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाईकोर्ट से इस मामले में फैसला लेने को कहा है। दरअसल याचिकाकर्ताओं ने बीजेपी नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra), अनुराग ठाकुर(Anurag Thakur), परवेश वर्मा (Parvesh Verma) और अभय वर्मा (Abhay Verma) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और एसआईटी जांच (SIT investigation) की मांग को लेकर याचिका दायर की थी।

अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले का निपटारा करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट को फैसला लेने का निर्देश दिया है। इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा वह अभी फिलहाल दिल्ली कोर्ट को जल्द सुनवाई के लिए बोल सकते है। बता दें कि 2020 के दिल्ली दंगों के तीन पीड़ितों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट (delhi high court) हेट स्पीच मामले में नेताओं की याचिका पर सुनवाई नहीं कर रहा है।

याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि उन्होंने दंगा भड़काने के लिए अभद्र भाषा देने के लिए भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने की मांग की है। लेकिन हाईकोर्ट उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं कर रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा मामले में एफआईआर पर जल्द से जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले को निपटाने के लिए हाईकोर्ट को तीन महीने का समय दिया है। अब तीन महीने के भीतर दिल्ली हाई कोर्ट को तय करना होगा कि हेट स्पीच मामले में नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए या नहीं। बता दें कि 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान बीजेपी नेता कपिल मिश्रा पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगा था। बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर पर भी भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था।

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