रक्षा मंत्रालय ने हथियार बनाने वाली घरेलू कंपनियां को दी राहत, 4 माह देरी से कर सकती हैं आपूर्ति

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके लिए पहले ही अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी थी। उक्त आदेश के बाद अब घरेलू हथियार निर्माताओं को अपने समझौतों को बढ़ाई गई समयसीमा के हिसाब से तब्दील करने या किसी संशोधन के लिए रक्षा मंत्रालय से कोई संपर्क नहीं करना पड़ेगा।;

Update: 2020-06-13 01:07 GMT

हरिभूमि ब्यूरो। नई दिल्ली

रक्षा मंत्रालय ने देश की हथियार बनाने वाली घरेलू क्षेत्र की कंपनियों को एक बड़ी राहत प्रदान करते हुए यह फैसला लिया है कि अब वह अपने मौजूदा पूंजीगत खरीद से जुड़े हुए तमाम समझौतों की डिलीवरी चार महीने की बढ़ी हुई समयसीमा के हिसाब से कर सकेंगी।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह बढ़ी हुई समयसीमा बीते 25 मार्च से अगले महीने 24 जुलाई तक मान्य होगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत को आत्मनिर्भर बनाने की घोषणा की गई है। जिसे ध्यान में रखते हुए पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और बाद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने को सरकार की पहली प्राथमिकता बता चुके हैं। मौजूदा निर्णय भी इसी संदर्भ में लिया गया है।

कोरोना के चलते लिया निर्णय

कोरोना संकट से उत्पन्न परिस्थितियों की वजह से सैन्य उपकरणों के समयबद्ध उत्पादन और सप्लाई पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। जिसे देखते हुए मंत्रालय के रक्षा खरीद विभाग ने इस संबंध में एक आदेश जारी कर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके लिए पहले ही अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी थी। उक्त आदेश के बाद अब घरेलू हथियार निर्माताओं को अपने समझौतों को बढ़ाई गई समयसीमा के हिसाब से तब्दील करने या किसी संशोधन के लिए रक्षा मंत्रालय से कोई संपर्क नहीं करना पड़ेगा।

विदेशी कंपनियां करेंगी संपर्क

विदेशी हथियार निर्माता कंपनियां अपने समझौतों के बारे में रक्षा मंत्रालय से संपर्क कर सकती हैं। जिसमें मंत्रालय उनके देशों में बनी हुई परिस्थिति के हिसाब से मामला दर मामला अध्ययन करने के बाद निर्णय लेगा। सैन्य उत्पादों की डिलीवरी के लिए बढ़ाई गई समयसीमा के दौरान किसी प्रस्ताव के आकलन के वक्त उपकरण को सौंपने में हुई देरी, सर्विस और किसी प्रकार के नुकसान के लिए लगाए जाने वाले शुल्क जैसे तमाम मुद्दों को बाहर रखा जाएगा।


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