Delhi में तेजी से पांव पसार रहा डेंगू, सर्वाधिक केस अक्टूबर में सामने आए, जानिए डॉक्टर्स की सलाह
राजधानी दिल्ली में इस समय डेंगू तेजी से फैल रहा है। हालात का अंदाजा यहां से लगाया जा सकता है कि जनवरी से सितंबर तक जितने मरीज मिले, उससे दोगुने मरीज अक्टूबर माह में मिल चुके हैं। एम्स में प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निश्चल ने इस बारे में कुछ जरूरी सलाह दी है।;
दिल्ली (Delhi) में डेंगू (Dengue) तेजी से पैर पसार रहा है। बीते कई दिनों से दिल्ली में डेंगू के केस (Case) लगातार बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार डेंगू होने के बाद प्लेटलेट्स (Platelets) घटने के कारण मरीज की हालत गंभीर होती चली जाती है। ऐसे समय में छोटी-मोटी लापरवाही भी बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसा ही एक मामला केंद्र सरकार के एक अस्पताल से सामने आया, जहां भर्ती डेंगू पीड़ित 24 वर्षीय युवक की लापरवाही के कारण मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि अगर मरीज शुरुआत में सावधानी बरतता तो उसकी भी जान बच सकती थी। आज हम आपको कुछ ऐसी ही सावधानियों के बारे में बताने वाले हैं, जो आपको डेंगू के दौरान अपनानी जरूरी हैं।
एम्स के प्रोफेसर की सलाह
अखिल भारतीय चिकित्सा संस्थान (AIIMS) के प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निश्चल ने इस बारे में बताया कि डेंगू हो जाने के बाद लोग प्लेटलेट्स कम होने के कारण घबराने लगते हैं। सिर्फ प्लेटलेट्स बढ़ाना ही, डेंगू का इलाज नहीं है। डॉक्टर निश्चल ने डेंगू के इलाज को लेकर कई और भी सलाह दी-
- डेंगू हो जाने के बाद आराम करना और लगातार तरल पदार्थों का सेवन करते रहना बहुत ज्यादा जरूरी है।
- डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स के बढ़ने से से ज्यादा सामान्य रक्त जांच में दिखने वाले हेमेटोक्रेट का बढ़ना ज्यादा जरूरी है।
- प्लेटलेट्स की संख्या से ज्यादा उसकी क्वालिटी मायने रखती है।
- अगर मरीज की आंखों या मसूड़ों से खून नहीं बह रहा है, तो प्लेटलेट्स के 20 हजार तक पहुंच जाने पर भी ज्यादा खतरा नहीं है।
अक्टूबर में डेंगू के सर्वाधिक मामले
MCD की रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर महीने की 26 तारीख तक दिल्ली में डेंगू के 1,238 मामले दर्ज किए गये, जो इस साल में सबसे ज्यादा हैं। यह इस साल में दर्ज किये गए कुल मामलों से भी दोगुने हैं। इसके अलावा दिल्ली में इस साल मलेरिया के कुल 200 और चिकनगुनिया के कुल 40 मामले भी सामने आ चुके हैं।