किसानों की मांगों को लेकर भाकियू के उपाध्यक्ष धरने पर बैठे, साथ ही पढ़ें नोएडा की टॉप न्यूज
महेंद्र सिंह चिरौली ने बताया कि केंद्र सरकार ने किसान विरोधी तीन कानून बनाकर किसानों को पंगु बना दिया है। उन्होंने बताया कि बार-बार आह्वान के बावजूद भी केंद्र सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है। उन्होंने बताया कि इस बात को लेकर उन्होंने आज जेवर टोल प्लाजा पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया है।;
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह चिरौली (Mahendra Singh Chirauli) आज जेवर टोल पर किसानों की विभिन्न मांगों (Farmers Demands) को लेकर धरने पर बैठ गए। चिरौली ने इसकी जानकारी दी। किसान नेता ने बताया कि चिरौली ने टोल प्लाजा के दो लेन को बंद करा दिया है और मौके पर भारी पुलिस (Noida Police) बल तैनात किया गया है। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह चिरौली ने बताया कि केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार किसानों का उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने किसान विरोधी तीन कानून बनाकर किसानों को पंगु बना दिया है। उन्होंने बताया कि बार-बार आह्वान के बावजूद भी केंद्र सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है। उन्होंने बताया कि इस बात को लेकर उन्होंने आज जेवर टोल प्लाजा पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया है।
पूर्व डीएम बीएन सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई समाप्त
उत्तर प्रदेश सरकार ने जिलाधिकारी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान गौतम बुद्ध नगर में कोविड-19 के प्रकोप से निपटने में कथित कुप्रबंधन के लिए आईएएस अधिकारी ब्रजेश नारायण सिंह के खिलाफ पिछले साल शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को बंद कर दिया है। एक आधिकारिक आदेश से इस बारे में जानकारी मिली है। राज्य सरकार ने मार्च 2020 में महामारी और लॉकडाउन की शुरुआत में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के दिशानिर्देशों के कथित उल्लंघन के लिए सिंह के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को भी समाप्त कर दिया है। सिंह ने 2017 में गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला था। पिछले साल 30 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कोविड को लेकर एक समीक्षा बैठक के बाद उन्हें महामारी की स्थिति से कथित तौर पर खराब ढंग से निपटने को लेकर पद से हटा दिया गया था।
अगर महामारी के दौरान कानून बन सकते हैं, तो वापस क्यों नहीं हो सकते: टिकैत
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर महामारी के दौरान कानून बन सकते हैं, तो वापस क्यों नहीं हो सकते? साथ ही दोहराया कि केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद ही आंदोलनरत किसान दिल्ली की सीमाओं से हटेंगे। टिकैत के बयान उस दिन आया है जब केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं टीकरी, गाजीपुर और सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपने आंदोलन के छह माह पूरे होने पर बुधवार को 'काला दिवस' मनाया और इस दौरान उन्होंने काले झंडे फहराए, सरकार विरोधी नारे लगाए, पुतले जलाए। दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर गाजीपुर बॉर्डर पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि यह आंदोलन लंबे समय तक जारी रहेगा।
फैक्ट्री में काम करते समय मजदूर की गई जान
नोएडा में एक डाई कास्टिंग कंपनी में काम करते समय, एक मजदूर का सिर मशीन में फंस गया जिसकी वजह से उसे गंभीर चोट आई। मजदूर को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। थाना सेक्टर 58 के थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार को बताया कि सेक्टर 59 के डी- ब्लॉक में स्थित एक डाई कास्टिंग की कंपनी में काम करने वाले मजदूर गणेश प्रसाद (55 वर्ष) का सिर बुधवार को काम करते समय मशीन में फंस गया। वह गंभीर रूप से घायल हो गए। सिंह ने बताया कि गणेश को उपचार के लिए एक अस्पताल ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। थानाध्यक्ष ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
सास-ससुर ने आत्महत्या करने की दी धमकी
ग्रेटर नोएडा में एक महिला और उसके मायके वालों के लगाए गए आरोप और फोन पर दी गई झूठे केस में फंसाने की धमकियों से तंग आकर सास-ससुर के जान देने का मामला सामने आया है। आरोप है कि मायके वाले अपनी बेटी को पहले ससुराल से घर लेकर गए और फिर कॉल कर ससुर के चरित्र पर सवाल उठाकर गंभीर व झूठे आरोप लगाने लगे। कई बार कॉल कर मायके वालों ने सास-ससुर को इतना प्रताड़ित किया कि दंपती ने सल्फास का सेवन कर जान दे दी। मामले में दंपती के बेटे की शिकायत पर बहू और बिचौलिया समेत चार ससुराल वालों के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का केस दर्ज किया गया है।