Bharat Bandh: कृषि कानूनों के विरोध में कल किसानों का 'भारत बंद', दिल्ली बॉर्डरों पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम

Bharat Bandh: पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बंद के मद्देनजर सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि शहर की सीमाओं पर तीन जगह प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों में से किसी को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।;

Update: 2021-09-26 08:24 GMT

Bharat Bandh नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर केंद्र (Central Government) के खिलाफ किसानों (Farmers) का आंदोलन नौ महीनों से चल रहा है। इस दौरान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों (Delhi Border) पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। केंद्र ने अभी तक किसानों की मांगें नहीं मानी है। जिसके कारण किसान संगठनों ने कल भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने लोगों से बंद में शामिल होने की अपील की है। इस भारत बंद का दिल्‍ली सरकार (Delhi Government) ने भी समर्थन देने का ऐलान किया है। उधर, दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने किसान संगठनों द्वारा 27 सितंबर को आहूत 'भारत बंद' को देखते हुए कड़े कदम उठाए हैं।

पुलिस ने दिल्ली के बॉर्डरों पर सुरक्षा का पुख्ता बंदोबस्त किया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बंद के मद्देनजर सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि शहर की सीमाओं पर तीन जगह प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों में से किसी को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा तौर पर एहतियातन की गई है और पूरी तरह सचेत हैं।

दिल्ली में 'भारत बंद' का कोई आह्वान नहीं है, लेकिन हम घटनाक्रम पर ध्यान रख रहे हैं और पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों से लोकतंत्र और संघवाद के सिद्धांतों की रक्षा के लिए किसानों के साथ खड़े होने की अपील की है। किसान मोर्चा ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि एसकेएम प्रत्येक भारतीय से इस राष्ट्रव्यापी आंदोलन में शामिल होने और 'भारत बंद' को एक शानदार सफलता बनाने की अपील करता है। विशेष रूप से हम श्रमिकों, व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, व्यापारियों, छात्रों, युवाओं और महिलाओं के सभी संगठनों और सभी सामाजिक आंदोलनों से अपील करते हैं कि उस दिन किसानों के साथ एकजुटता बढ़ाएं।

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