Farmers Protest: सिंघू बॉर्डर पर मुफ्त इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे है आस-पास के गांवों के लोग

Farmers Protest: डॉक्टर मृदुल सरकार ने कहा कि ज्यादात्तर लोग खांसी, जुकाम, पेट दर्द, त्वचा और आंख के संक्रमण, एलर्जी' और शरीर में कमजोरी की शिकायतें लेकर आते हैं।;

Update: 2020-12-13 11:20 GMT

(Farmers Protest) केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए लगाए गए चिकित्सा शिविरों में अब आसपास के गांवों के लोग भी मुफ्त में इलाज कराने के लिए आ रह हैं। कोंडली गांव की बबली भी यहां अपने दो बच्चों के साथ पहुंची। उन्होंने कहा कि मेरी बड़ी बेटी (12) को जुखाम और खांसी है और दूसरी बेटी साक्षी (8) बहुत कमजोर है। मेरे पड़ोसी ने मुझे यहां आने की सलाह दी थी। उसके गांव के कई लोग पिछले कुछ दिनों में प्रदर्शन स्थल पर मुफ्त इलाज कराने के लिए आए हैं।

बबली ने कहा कि डॉक्टर ने हमें खांसी की दवाई (कफ सिरप) और कुछ अन्य दवाइयां दी। उन्होंने मेरी छोटी बेटी की जांच भी की और उसके लिए आयरन और कैल्शियम की गोलियां दी हैं। अलीपुर के भीम सिंह अपने बुजुर्ग पिता मंगत सिंह के साथ यहां पहुंचे, जिनके घुटने में काफी दर्द था। भीम सिंह ने कहा कि मेरे पिता के घुटने में काफी दर्द है और सर्दियों में उनके पैरों में सूजन भी आ जाती है।

हमने किसी से मुफ्त चिकित्सा शिविर के बारे में सुना और यहां आ गए। हम महंगे इलाज का खर्चा नहीं उठा सकते।'' कोलकाता के एक गैर सरकारी संगठन मेडिकल सर्विस सेंटर' के डॉ. अंशुमन मित्रा के अनुसार सिंघू बॉर्डर पर ऐसे 12 चिकित्सा शिविर हैं, जो चौबीसों घंटे काम करते हैं।

डॉ. मित्रा ने बताया कि उनके शिविर के डॉक्टर, नर्स और अन्य चिकित्सा-सहायक कर्मी रोजाना करीब 200 मरीजों को देखते हैं। उनमें से 30 प्रतिशत लोग करीबी गांवों के गरीब परिवारों से होते हैं। डॉक्टर मृदुल सरकार ने कहा कि ज्यादात्तर लोग खांसी, जुकाम, पेट दर्द, त्वचा और आंख के संक्रमण, एलर्जी' और शरीर में कमजोरी की शिकायतें लेकर आते हैं। 

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