किसान आंदोलन खत्म करने पर राकेश टिकैत ने कही ये बड़ी बात, दिल्ली बॉर्डरों पर वापस लौट रहे प्रदर्शनकारी

Farmers Protest: किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि हम किसानों को यहां से जाने के लिए नहीं कहेंगे। हम 5 महीनें से यहां हैं, ये तो अब हमारा गांव है। यहां कैंप लगवाया जाए, हम वैक्सीन (Corona Vaccination) लगवाएंगे। हम यहां कम लोगों को रखेंगे और बैठक नहीं होगी, लोग आते जाते रहेंगे। आज हम 2 दिन के लिए हरियाणा जाएंगे।;

Update: 2021-04-22 07:04 GMT

Farmers Protest नए कृषि कानूनों (Farm laws) को लेकर केंद्र (Central Government) के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले 147 दिनों से जारी है। बिना कोरोना के खौफ के बॉर्डरों (Delhi Government) पर अभी भी किसान डटे हुए है। किसान संगठन अपनी मांगों पर अड़े हुए है। वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि हम किसानों को यहां से जाने के लिए नहीं कहेंगे। हम 5 महीनें से यहां हैं, ये तो अब हमारा गांव है। यहां कैंप लगवाया जाए, हम वैक्सीन (Corona Vaccination) लगवाएंगे। हम यहां कम लोगों को रखेंगे और बैठक नहीं होगी, लोग आते जाते रहेंगे। आज हम 2 दिन के लिए हरियाणा जाएंगे। इससे पहले, दिल्ली बॉर्डरों पर आंदोलन कर रहे किसानों पर आरोप लगा था कि बॉर्डरों पर किसानों का आंदोलन होने के कारण ऑक्सीजन की डिलीवरी होने में देरी हो रही है। इसे गंभीर कोरोना मरीजों के लिए खतरा बन सकता है।

गाजीपुर बॉर्डर से किसान नेता राकेश टिकैत  इस आरोप गलत बताते हुए कहा कि था हाईवे खुले हैं। यहां से पूरी आपूर्ति हो रही है। ये समझ में नहीं आ रहा कि गैस कंपनियों ने किसके कहने से आरोप लगाया। ऑक्सीजन गैस निर्माताओं के यह कहने कि किसान आंदोलन की वजह से ऑक्सीजन की आपूर्ति में देरी हो रही है पर यहां हाईवे खुले है। उन्होंने कहा था कि देश में ऑक्सीजन की कमी हो रही है तो एक बहाना ये ही लगा दो। यह राजनीतिक बयान है। किसान संगठनों ने किसी भी आवश्यक आपूर्ति को नहीं रोका है।

उधर, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि फसल की कटाई के बाद बड़ी संख्या में किसानों का केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन को मजबूत करने के लिये दिल्ली की तरफ आना शुरू हो गया है। मोर्चा ने कहा कि केंद्र के पास प्रदर्शनकारी किसानों के साथ गतिरोध दूर करने का एक ही रास्ता है तीनों विवादित कानूनों को रद्द करना और ऐसा कानून लेकर आना जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दे।

कई किसान संघों के सामूहिक संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के किसान बड़ी संख्या में बीते 147 दिनों से दिल्ली से लगे सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने तथा फसल के लिए एमएसपी का नया कानून लाने की मांग कर रहे हैं। एसकेएम नेता दर्शन पाल ने एक बयान में कहा कि एसकेएम के आह्वान पर बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली की तरफ आना शुरू कर दिया है। फसल की कटाई के बाद किसान सिंघू, टीकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन को मजबूती देने के लिये आ रहे हैं। 

Tags:    

Similar News