Farmers Protest: सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने मनाया लोहड़ी का त्योहार, जलाईं कृषि बिलों की प्रतियां, केंद्र को दी ये नसीहत

प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों का शीर्ष संगठन संयुक्त किसान मोर्चा आज दिन में आगे की रणनीति तय करने के लिए बैठक भी करेगा।;

Update: 2021-01-13 09:35 GMT

नये कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के बॉर्डरों पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। आज उनके आंदोलन का 50वां दिन है। वहीं आज किसानों ने लोहड़ी त्योहार को मना रहे है। लेकिन इस बार किसान लोहड़ी का त्योहार घर पर नहीं बल्कि दिल्ली के बॉर्डरों पर कृषि कानूनों के तीन बिलों की प्रतियां जलाकर मना रहे है। ये वसंत की शुरुआत में अधिकतर उत्तर भारत में लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन लोग लकड़ियां इकट्ठी करके जलाते हैं और सुख एवं समृद्धि की कामना करते हैं।

जिसके बाद प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों का शीर्ष संगठन संयुक्त किसान मोर्चा आज दिन में आगे की रणनीति तय करने के लिए बैठक भी करेगा। किसान संगठनों ने कल कहा था कि वे उच्चतम न्यायालय की तरफ से गठित समिति के समक्ष पेश नहीं होंगे और आरोप लगाया कि यह सरकार समर्थक समिति है। किसान संगठनों ने कहा कि उन्हें तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।

उन्होंने तीन कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया। हालांकि समिति के सदस्यों की निष्पक्षता पर भी संदेह जताया है। किसानों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद इस कानून को संसद में भी वापिस ले लेना चाहिए। वहीं केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं।

जो कमेटी बनाई गई है निश्चित रूप से आने वाले समय में सबसे निष्पक्ष राय लेगी। कमेटी किसान यूनियन के लोगों से और अन्य विशेषज्ञों से भी राय लेगी और उसके बाद निर्णय देगी। उन्होंने कहा किपुराने बिल इतने अच्छे होते तो किसान गरीब और आत्महत्या के लिए मज़बूर नहीं होता। इस कानून को कुछ समय देखें अगर कुछ नहीं लगेगा तो भविष्य में और भी संशोधन किया जा सकता है।

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