हाईकोर्ट में बिजली बिल से जुड़ी याचिका पर सुनवाई से इनकार
पीठ ने सुनवाई की शुरुआत में ही कहा कि याचिकाकर्ता चिकित्सक को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के पास जाना चाहिए जो बिल की गणना के मामले में फैसला लेने वाला सक्षम प्राधिकार है।;
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में बिजली वितरण कंपनियों द्वारा लॉकडाउन के दौरान मनमाने और अनुचित तरीकों से बिल बनाने के आरोप वाली जनहित याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को पहले विद्युत नियामक डीईआरसी से संपर्क करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने सुनवाई की शुरुआत में ही कहा कि याचिकाकर्ता चिकित्सक को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के पास जाना चाहिए जो बिल की गणना के मामले में फैसला लेने वाला सक्षम प्राधिकार है। पीठ के सुझाव के मद्देनजर याचिकाकर्ता के वकील तुषार महाजन ने याचिका वापस लेने की तथा इस विषय को डीईआरसी के समक्ष उठाने का आग्रह किया। हाईकोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग जरिये सुनवाई करते हुये याचिकाकर्ता विजय महाजन को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
लॉकडाउन के दौरान ज्यादा आ रहे थे बिजली बिल
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में बिजली वितरण कंपनियों द्वारा लॉकडाउन के दौरान मनमाने और अनुचित तरीकों से बिल बनाने के आरोप वाली जनहित याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को पहले विद्युत नियामक डीईआरसी से संपर्क करने को कहा।
बिजली उपभाेक्ता के अनुसार कोरोना काल में जहां एक और नौकरी नहीं बची घर चलाना मुश्किल हो रहा है वहीं ये बिजली कंपनियां मनमाने तरीके से बिजली बिल वसूल कर रहे है। लॉकडाउन के कारण लोगों के पास नौकरी नहीं रही, पैसे नहीं रहे तो यह बिजली बिल कैसे दे सकते है।दिल्ली सरकार और बिजली कपंनियों को यह सोचना चाहिए और बिजली उपभोक्ताओं को राहत देनी चाहिए।