मजदूरों को राशन कार्ड न मिलने पर हाईकोर्ट सख्त, दिल्ली सरकार से मांगा जवाब, 25 अक्टूबर को अगली सुनवाई

जज ने दिल्ली सरकार के वकील को इस बारे में निर्देश प्राप्त करने के लिए समय भी दिया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उन्होंने सितंबर 2013 में ही राशन कार्ड के लिए आवेदन कर दिया था और इस बारे में निरंतर अनुरोध भी किया लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया।;

Update: 2021-10-17 08:17 GMT

2013 से मजदूरों को राशन कार्ड (Ration Card) न दिए जान पर आज दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में सुनवाई की गई। इस दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार (Delhi Government) से जवाब मांगा की अब तक दिहाड़ी मजदूरों (Daily Wage Laborers) को राशन कार्ड से वंचित क्यों रखा गया। याचिकाकर्ता का राशन कार्ड का आवेदन पिछले आठ सालों से लटका हुआ है। जिसपर दिल्ली सरकार ने अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने दिहाड़ी कामगार की याचिका पर नोटिस जारी किया है। याचिका में मांग की गई है कि उन्हें तय समयसीमा के भीतर राशन कार्ड दिया जाए जिस पर उनके परिजनों के नाम हों। अब इस मामले पर सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी।

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को दिया आदेश

जज ने दिल्ली सरकार के वकील को इस बारे में निर्देश प्राप्त करने के लिए समय भी दिया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उन्होंने सितंबर 2013 में ही राशन कार्ड के लिए आवेदन कर दिया था और इस बारे में निरंतर अनुरोध भी किया लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। अदालत ने छह अक्टूबर के आदेश में कहा कि आवेदन में जिस तरह की राहत मांगी गई है उसके मद्देनजर दिल्ली सरकार के अधिवक्ता को यह निर्देश दिया जाता है कि वह यह जानकारी प्राप्त करें कि आवेदक का आवेदन बीते आठ साल से लंबित क्यों है।

याचिकाकर्ता का 2013 राशन कार्ड को कर दिया था रद्द

याचिकाकर्ता ने कहा है कि अधिकारियों द्वारा र्कावाई नहीं करने से उन्हें एवं उनके परिवार को कम दाम पर अनाज के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। इसमें बताया गया कि याचिकाकर्ता महिला और उनका परिवार दक्षिण दिल्ली में बस्ती में रहता है और उनके पति के नाम पर 2005 में जारी राशन कार्ड अधिकारियों द्वारा एकतरफा तरीके से 2013 में रद्द कर दिया गया। 

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