कश्मीर में दोहराया जा रहा इतिहास! CM केजरीवाल बोले- लौट रहा 90 के दशक का दौर
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जम्मू-कश्मीर (ammu and Kashmir) में बढ़ती आतंकी घटना से काफी चिंतित हैं। जिसके लिए उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन कटर विचारकों की कड़ी निंदा की है और औपचारिक रूप से कहा है कि आज भी कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं।;
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जम्मू-कश्मीर (ammu and Kashmir) में बढ़ती आतंकी घटना से काफी चिंतित हैं। जिसके लिए उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन कटर विचारकों की कड़ी निंदा की है और औपचारिक रूप से कहा है कि आज भी कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। इन अत्याचारों से ये कश्मीरी पंडित बहुत दुखी हो गए हैं।
कश्मीर में रहने वाले इन अल्पसंख्यक नागरिकों की मांग है कि उन्हें आतंकियों से पूरी सुरक्षा दी जाए। मिली जानकारी के अनुसार यह कश्मीरी पंडित चाहते है कि वह अपने घर वापस जाकर फिर से बस जाए और अपनी पुरानी खुशहाल जिंदगी फिर से शुरू कर सके। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि कश्मीर में अब भी वही हो रहा है जो 90 के दशक में हुआ करता था और उन निर्दोष लोगों के साथ चुन- चुनकर व्यवहार किया जा रहा है।
कश्मीर में टुकड़े-टुकड़े गैंग ( Tukde Tukde Gang) आज भी पुरानी विचारधारा पर जी रहे हैं। केजरीवाल ने आगे कहा जब वे विरोध करते हैं, तो उन्हें उनकी कॉलोनियों में बंद कर दिया जाता है, यह कैसा न्याय है। राहुल भट्ट (Rahul Bhatt) हों या रजनी बाला ( Rajni Bala) 16 कश्मीरी पंडितों को इसी साल चुन चुनकर मारा गया। आतंकी नहीं चाहते कि कश्मीरी पंडित एक साथ रहें, कश्मीरी पंडितों की वह जन्मभूमि है, अपना घर तो अपना ही होता है, अलग जुड़ाव होता है।''
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने औपचारिक रूप से कहा है कि कश्मीर में रहने वाले अल्पसंख्यक, जो अपनी जान बचाने के लिए दूसरी जगह शिफ्ट हो रहे हैं, वह ट्रक ड्राइवरों के साथ सौदेबाजी करते दिखाई दे रहे हैं। कश्मीरी पंडितों के साथ ऐसा दर्दनाक वाक्या दूसरी बार देखने को मिल रहा है। केजरीवाल सरकार ( Kejriwal government) ने केंद्र सरकार (Central government) से अपील की है कि इन कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा जल्द से जल्द बढ़ाई जाए और उन बेगुनाह लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए और उन्हें बसाया जाए।