आयुर्वेद के खिलाफ IMA अध्यक्ष ने की अपमानजनक टिप्पणी, याचिका पर बोले- एलोपैथिक डाॅक्टरों को ...
आईएमए अध्यक्ष ने कहा कि यह याचिका संविधान में दिए गए भाषण एवं अभिव्यक्ति की आजादी के मौलिक अधिकार का इस्तेमाल करने से उन्हें रोकती है। याचिका में आयुर्वेद में विश्वास रखने वाले लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने का अनुरोध किया गया है।;
Allopathy VS Ayurveda आयुर्वेद के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर भारतीय चिकित्सक संघ (IMA) के अध्यक्ष जे ए जयलाल (J A Jayalal) के खिलाफ याचिका (Petition) दायर की गई है। जिसके बाद आईएमए के अध्यक्ष ने इसे डाक्टरों को प्रताड़ित करने की व्यापक योजना बताया। उन्होंने कहा कि यह याचिका संविधान में दिए गए भाषण एवं अभिव्यक्ति की आजादी के मौलिक अधिकार का इस्तेमाल करने से उन्हें रोकती है। याचिका में आयुर्वेद में विश्वास रखने वाले लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने का अनुरोध किया गया है।
मुकदमे पर दिए 212 पृष्ठों के जवाब दिया गया
जयलाल ने आईएमए और उसके महासचिव जयेश लेले के मुकदमे पर दिए 212 पृष्ठों के जवाब में कहा कि यह शिकायत एलोपैथिक डाक्टरों को प्रताड़ित करने और उनके अपने मौलिक अधिकारों का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए लोगों के एक खास वर्ग की साजिश का हिस्सा है। डाक्टर संघ ने 30 जुलाई को अपने जवाब में आरोपों को बकवास, अप्रमाणित और कानून के सामने न टिकने वाला बताया। जयलाल, आईएमए, लेले, राष्ट्रीय चिकित्सक संघ और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैण्डर्डस मामले में बचावकर्ता हैं।
बचावकर्ताओं को 29 सितंबर तक मुकदमे पर अपना जवाब देने का निर्देश
तीस हजारी अदालत की दीवानी न्यायाधीश दीक्षा राव ने बाकी के बचावकर्ताओं को 29 सितंबर तक मुकदमे पर अपना जवाब देने का निर्देश दिया है। राजेंद्र सिंह राजपूत नामक शख्स ने यह याचिका दायर की है जिसमें जयलाल तथा अन्य को आयुर्वेद के इलाज के खिलाफ अपमानजनक बयान न देने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है और आयुर्वेद में विश्वास रखने वाले लोगों की भावनाएं आहत करने के लिए इनसे माफी मांगने का अनुरोध भी किया गया है।