International Women's Day 2021: 8 मार्च से किसान आंदोलन का मोर्चा संभालेंगी महिलाएं, इस तरह से जताएंगी विरोध

International Women's Day 2021: आठ मार्च को अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के मौके पर किसान महिलाएं न केवल किसान आंदोलन की पूरी मोर्चा संभालेंगी बल्कि नए ढंग से विरोध प्रदर्शन भी करेंगी। दिल्‍ली के गाजीपुर बॉर्डर पर विरोध में बैठी महिलाओं की आज हुई बैठक में अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के दिन मेहंदी लगाकर विरोध जताने का फैसला किया गया है।;

Update: 2021-03-06 03:28 GMT

नए कृषि कानूनों कानूनों (Farmlaws) को लेकर केंद्र के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) जारी है। इसी बीच, अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) पर महिला प्रदर्शनकारी अलग तरीके से केंद्र के खिलाफ विरोध जताने वाली है। आठ मार्च को अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के मौके पर किसान महिलाएं (Women Farmers) न केवल किसान आंदोलन की पूरी मोर्चा संभालेंगी बल्कि नए ढंग से विरोध प्रदर्शन भी करेंगी। दिल्‍ली के गाजीपुर बॉर्डर (ghazipur Border) पर विरोध में बैठी महिलाओं की आज हुई बैठक में अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के दिन मेहंदी लगाकर विरोध जताने का फैसला किया गया है।

किसान महिलाओं ने कहा- यह इंकलाबी मेहंदी होगी

किसान महिलाओं का कहना है कि यह इंकलाबी मेहंदी होगी। आंदोलन में शामिल महिलाएं अपने हाथों पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे नारे इंकलाबी नारे रचवाएंगी, कृषि उपकरणों जैसे हल आदि के चित्र बनवाएंगी। फसल, खेत, खलिहान और किसानों के संघर्ष को बयां करते स्‍लोगन हाथों पर लगाएंगी। अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के दिन किसान आंदोलन में महिलाएं मंच संभालेंगी। अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के दिन किसान आंदोलन में महिलाएं मंच संभालेंगी। आठ मार्च के आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहीं महिला किसान नेता रवनीत कौर ने बताया कि इस दिन महिला दिवस पर महिलाओं को विशेष सम्‍मान देने के साथ ही किसान आंदोलन को मजबूत करने की दिशा में भी कदम उठेंगे।

कई बुजुर्ग महिलाएं शुरू से लेकर अभी तक मौजूद

इस पूरे दिन गाजीपुर और सिंधु-टीकरी बॉर्डर पर महिलाएं ही आंदोलन का मंच संभालेंगी. महिलाएं ही भाषण देंगी। महिलाएं ही वॉलंटियर बनेंगी और आंदोलन का नेतृत्‍व करेंगी। किसान आंदोलन में युवाओं के साथ ही कई बुजुर्ग महिलाएं शुरू से लेकर अभी तक मौजूद हैं। जिन्‍हें महिला दिवस पर सम्‍मानित भी किया जाएगा। किसान आंदोलन में युवाओं के साथ ही कई बुजुर्ग महिलाएं शुरू से लेकर अभी तक मौजूद हैं। जिन्‍हें महिला दिवस पर सम्‍मानित भी किया जाएगा। रवनीत बताती हैं कि 18 जनवरी को भी महिला किसान दिवस के दिन महिलाओं को ही जिम्‍मेदारी दी गई थी लेकिन आठ मार्च को इसे बड़ा रूप दिया जाएगा। इस दिन मंच का संचालन वे खुद करेंगी।

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