महामारी के दौर में लोगों को संबल देने के लिए इस्कॉन ने परामर्श हेल्पलाइन की स्थापित

महामारी के इस दौर में निराशा स्वाभाविक है। हमें समझना होगा कि प्रकृति के बेतहाशा दोहन का ही परिणाम मानव समाज को महामारी के रूप में मिल रहा है। इस निराशा के दौर में लोगों को संबल देने के लिए इस्कॉन द्वारका ने परामर्श हेल्पलाइन स्थापित की है।;

Update: 2022-01-22 14:48 GMT

महामारी के इस दौर में निराशा स्वाभाविक है। हमें समझना होगा कि प्रकृति के बेतहाशा दोहन का ही परिणाम मानव समाज को महामारी के रूप में मिल रहा है। इस निराशा के दौर में लोगों को संबल देने के लिए इस्कॉन द्वारका ने परामर्श हेल्पलाइन स्थापित की है।

परामर्श हेल्पलाइन नंबर 9971766666 पर कोई भी व्यक्ति निशुल्क परामर्श ले सकता है। इस्कॉन ने मानसिक तनाव से निपटने के लिए सेमिनार भी आयोजित किया था। व्यक्ति उम्र भर इंद्रियों के भोग में लगा रहता है और उसे ही जीवन का परम लक्ष्य मानता है। वह अंत समय तक इसी सोच में रहता है। जीवन के लिए वह अनेक योजनाएँ बनाता रहता है, जो कभी समाप्त नहीं होतीं और मृत्यु का बुलावा आ जाता है। प्रकृति के समक्ष व्यक्ति का वश नहीं चलता है।

इस्कॉन परामर्श हेल्पलाइन लगातार जरूरतमंद लोगों को उनकी व्यवस्थित परामर्श प्रणाली के साथ सहायता कर रही है जिसमें लोगों के रोजमर्रा के जीवन में छोटी-मोटी समस्याओं को सुलझाने और स्थायी तौर पर उनके जीवन में खुशियाँ लाने का प्रयास किया जाता है ताकि लोग अपनी खोई हुई पहचान वापस पा सकें। इसी कड़ी में मंदिर द्वारा संचालित डीवाईपीएच (डिस्कवर योर परमानेंट हैप्पीनेस) कार्यक्रम से भी जुड़ा जा सकता है।

इसमें लोगों को अध्यात्म की आधारभूत जानकारी दी जाती है जैसे पूर्ण खुशी की खोज, क्या भगवान सच में होते हैं, भगवान कौन हैं, मैं कौन हूँ, अच्छे लोगों के साथ बुरा क्यों होता है, आधुनिक युग के लिए कौन-सी योग पद्धति काम आती है, आदि विषयों के बारे में विस्तार से बताया जाता है।

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