जे.पी. नड्डा और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने AIIMS के वैक्सीनेशन सेंटर का किया दौरा, विपक्षी दलों पर साधा निशाना
नड्डा ने कहा कि जिस दिन 2.5 करोड़ से ज़्यादा वैक्सीनेशन हुआ, उस दिन विपक्ष की चुप्पी और इसके साथ सभी विपक्षी पार्टियों द्वारा पिछले एक साल में वैक्सीनेशन पर दिए गए गैरजिम्मेदाराना और हास्यास्पद बयानों पर इन राजनीतिक दलों को आत्मचिंतन करना चाहिए।;
दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा (BJP President JP Nadda) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने एम्स (AIIMS) के वैक्सीनेशन सेंटर (Vaccination Centre) का दौरा किया। इस दौरान दोनों ने कोरोना वैक्सीन लगाने आए लोगों से उनका हाल जाना और वहां की व्यवस्था का जायजा भी लिया। जे.पी.नड्डा ने कहा कि बहुत कम समय में 84 करोड़ से ज़्यादा वैक्सीनेशन कार्यक्रम पूरा हुआ है और मुझे खुशी है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर कोरोना वैक्सीनेशन में दुनिया का रिकॉर्ड टूटा। इस दिन 2.5 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने वैक्सीनेशन में अपना योगदान दिया। इसके लिए सभी को बधाई हो।
नड्डा ने कहा कि जिस दिन 2.5 करोड़ से ज़्यादा वैक्सीनेशन हुआ, उस दिन विपक्ष की चुप्पी और इसके साथ सभी विपक्षी पार्टियों द्वारा पिछले एक साल में वैक्सीनेशन पर दिए गए गैरजिम्मेदाराना और हास्यास्पद बयानों पर इन राजनीतिक दलों को आत्मचिंतन करना चाहिए। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज एम्स नई दिल्ली से देश के 6 एम्स की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में एम्स में आधुनिक infrastructure के निर्माण कार्य व रीसर्च तथा अनेक रोगों के विशेषज्ञ विभागों को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि मैं देश के सब एम्स से आह्वान करता हूं की आपस में समन्वय बनाए ताकि हम जनता को अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध करवा सकें।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोरोना वैक्सीन की 79.58 करोड़ डोज की आपूर्ति की गई
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज कोरोना वैक्सीन को लेकर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कोरोना वैक्सीन की अब तक 79.58 करोड़ से अधिक खुराकें मुहैया कराई गई हैं। मंत्रालय ने बताया 15 लाख और खुराकों की आपूर्ति की प्रक्रिया जारी है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पास इस्तेमाल के लिए टीके की 5.43 करोड़ खुराकें बची हुई हैं। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को टीकों की उपलब्धता बढ़ाकर टीकाकरण अभियान को तेज किया गया है ताकि उनके द्वारा बेहतर योजना बनाई जा सके और टीका आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित किया जा सके।