केजरीवाल ने छीना बुजुर्गों के मुख से निवाला : बिधूड़ी
अपने आपको श्रवण बताने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में 20 लाख बुजुर्गों का निवाला छीन लिया है। इस साल जुलाई से दिल्ली सरकार बुजुर्गों को पेंशन नहीं दे रही।;
नई दिल्ली। अपने आपको श्रवण बताने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में 20 लाख बुजुर्गों का निवाला छीन लिया है। इस साल जुलाई से दिल्ली सरकार बुजुर्गों को पेंशन नहीं दे रही। दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान उक्त आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों से दिल्ली में बुजुर्गों की पेंशन के नए फार्म स्वीकार नहीं किए गए। लाखों बुजुर्ग इस सरकार के इस निकम्मेपन से पूरी तरह निराश हो गए हैं। नेता विपक्ष ने कहा कि अब पानी सिर से गुजर चुका है और भाजपा इस स्थिति को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगी। भाजपा इसके खिलाफ जोरदार आन्दोलन की तैयारी कर रही है और सरकार के मुख से नकाब हटाकर रहेगी।
नेता विपक्ष बिधूड़ी ने प्रेसवार्ता में बताया कि भाजपा विधायक दल ने इस साल 11 अक्टूबर को उपराज्यपाल को एक ज्ञापन दिया था जिसमें बताया गया था कि 2018 से दिल्ली सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन के नए आवेदनों पर रोक लगा रखी है। हर साल दिल्ली सरकार के बजट में तो बुजुर्गों की पेंशन का प्रावधान किया जाता है लेकिन फिर भी पेंशन जारी नहीं की जा रही। प्रेसवार्ता में दिल्ली प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता अजय सहरावत भी उपस्थित थे।
दिल्ली सरकार का जवाब चौंकाने और निराश करने वाला
नेता विपक्ष बिधूड़ी ने बताया कि उपराज्यपाल को दिए गए ज्ञापन के जवाब में दिल्ली सरकार ने जो कुछ कहा है, वह बहुत ही चौंकाने वाला और निराश करने वाला है। मुख्यमंत्री कार्यालय से यह जवाब दिया गया है कि अभी और पेंशन के बारे में फैसला नहीं लिया गया और यह फैसला दिल्ली मंत्रिमंडल द्वारा लिया जाना है। यह भी कहा गया है कि दिल्ली सरकार इस बारे में फैसला उचित समय पर लेगी। यह उचित समय कब आएगा, यह दिल्ली सरकार ही बता सकती है।
2025 के चुनाव से पहले बुजुर्ग याद आएंगे
नेता विपक्ष बिधूड़ी ने बताया कि प्रबल संभावना है कि इन बुजुर्गों की याद दिल्ली सरकार को 2025 के चुनावों से ठीक पहले ही आए। उन्होंने कहा कि पिछले चुनावों में आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि दिल्ली के हर विधानसभा क्षेत्र में हर साल एक हजार नए आवेदन मंजूर किए जाएंगे यानी पांच साल में साढे तीन लाख नए आवेदनों को मंजूर करके उनकी पेंशन शुरू की जानी चाहिए थी लेकिन एक भी नई पेंशन शुरू नहीं की गई।