खड़गे ने दिए सुझाव, पीएम मोदी से की सर्वदलीय बैठक की मांग
कांग्रेस पार्टी ने कोरोना से निपटने में केंद्र के कदम को नाक़ाफी बताते हुए एक बार फिर कुछ सुझाव दिया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर को रोकने के लिए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक और पत्र लिखा।;
कांग्रेस पार्टी ने कोरोना से निपटने में केंद्र के कदम को नाक़ाफी बताते हुए एक बार फिर कुछ सुझाव दिया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर को रोकने के लिए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक और पत्र लिखा।
पीएम मोदी को खड़गे ने आधा दर्जन सुझाव दिये। साथ ही उन्होंने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि अपने परिवार वालों और रिश्तेदारों के इलाज के लिए आम भारतीय को जमीन, गहने बेचने और मेहनत से जमा की गई राशि को खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
खड़गे ने तुरंत इस मामले से निपटने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग भी की। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री से 'सामूहिक और आपसी सहमति' का दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया और कहा कि नागरिक समाज और नागरिक समूह एक 'असाधारण राष्ट्रीय लड़ाई' लड़ रहे हैं क्योंकि ऐसा लग रहा है कि केंद्र 'अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहा है।'
अपने पत्र में खड़गे ने केंद्र से एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है ताकि कोरोना महामारी को काबू करने के लिए सामूहिक तौर पर एक योजना तैयार की जा सके। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि कोरोना वैक्सीन के लिए आवंटित 35 हजार करोड़ रुपए से सभी भारतीयों को टीका लगे।
वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अनिवार्य लाइसेंस का फायदा उठाते हुए जरूरी चिकित्सा उपकरणों पर टैक्स में छूट की मांग भी उन्होंने दोहराई।वैक्सीन पर 5 प्रतिशत, पीपीई किट्स पर 5 से 12 प्रतिशत, एंबुलेंस पर 28 प्रतिशत और ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर पर 12 प्रतिशत की दर से विभिन्न मदों में अभी टैक्स का प्रावधान है।
पीएम मोदी को खड़गे के सुझाव
कोरोना पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए ताकि कोरोना से लड़ाई में एक ब्लूप्रिंट बनाया जाए।आम बजट में कोरोना के लिए आवंटित 35 हज़ार करोड़ का इस्तेमाल मुफ्त टीका दिया जाए। टीके के उत्पादन बढ़ाने को लेकर अनिवार्य लाइसेंसिंग में छूट दी जाए। जीवनरक्षक दवाओं और मेडिकल सामग्री और वैक्सीन पर से जीएसटी हटाई जाए।
केंद्र सरकार को जनता की गम्भीर स्थिति का फायदा नहीं उठाना चाहिए। विदेशों और भारतीय समुदाय की तरफ से आ रही मेडिकल से जुड़ी राहत सामग्री के वितरण में तेजी लाई जाए। सभी राज्यों को समान तरीके से जल्द भेजा जाए। मनरेगा के तहत रोजगार को बढ़ाकर 200 दिन किया जाए।