नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, यूपी ATS ने कई लोगों को किया गिरफ्तार

गिरफ्तार लोगों में कश्मीरी युवक-युवती भी शामिल हैं। छापेमारी में कई दस्तावेज बरामद किये गये हैं। पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ करने के साथ ही कॉल सेंटर के रिकॉर्ड्स भी खंगाल रही है।;

Update: 2021-02-09 10:16 GMT

Noida Crime नोएडा के सेक्टर-63 स्थित एक फर्जी कॉल सेंटर (Fake Call Center) में मंगलवार को यूपी एटीएस की टीम ने छापेमारी (Raid) की है। इस छापे के दौरान कई लोगों को गिरफ्तार (Arrested) किया गया। इस छापे के लिए यूपी एटीएस (ATS) समेत नोएडा पुलिस (Noida Police) की सामूहिक टीम बनाई गई थी। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार लोगों में कश्मीरी युवक-युवती भी शामिल हैं। छापेमारी में कई दस्तावेज बरामद किये गये हैं। पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ करने के साथ ही कॉल सेंटर के रिकॉर्ड्स भी खंगाल रही है।

मीडिया रिपोर्ट के माने तो नोएडा में स्थित सेक्टर-63 के बीएसआई बिल्डिंग में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर में यूपी एटीएस ने छापेमारी की। छापेमारी के दौरान एटीएस ने वहां काम करने वाले कश्मीरी युवक-युवतियों को हिरासत में लिया है। नोएडा के डीसीपी हरीश चंद्र भी फर्जी कॉल सेंटर में छापेमारी की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गए हैं। यूपी एटीएस की टीम भी कई घंटों से भी अधिक समय से अंदर है। लेकिन अभी पुलिस या एटीएस की तरफ से छापेमारी को लेकर मीडिया में कोई अधिकारिक बयान साझा नहीं किया गया है।

पुलिस ने चारों तरफ से बिल्डिंग को घेर रखा है। पकड़े गये आरोपियो ने बताया कि इस कॉल सेंटर के जरिए बेस्ट स्टार डिपार्टमेंटल स्टोर के नाम से लोगों के पास कॉल करके ग्रोसरी गिफ्ट के ऑफर दिए जा रहे थे। इसके साथ ही विदेशी कॉल को भी भारतीय ग्राहकों के पास ट्रांसफर किया जाता था। इससे सरकार को प्रतिमाह करीब 20 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा था। इस फर्जी कॉल सेंटर संचालक जम्मू-कश्मीर के बारामूला का रहने वाला है। इस कॉल सेंटर की आड़ में वह विदेशी कॉल को देशभर में अवैध तरीके से ट्रांसफर करता था।

नौकरी देने के बहाने ठगी करने के आरोप में पांच गिरफ्तार

नौकरी देने के बहाने हजारों लोगों से कथित तौर पर धोखाधड़ी करने के मामले में एक गिरोह के पांच सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक (शहर) निपुन अग्रवाल ने बताया कि इन लोगों को चौधरी सिनेमा के निकट से गिरफ्तार किया गया। अधीक्षक ने बताया कि आरोपियों ने अपने अपराध स्वीकार कर लिये हैं और बताया है कि वे नौकरी मुहैया कराने वाली वेबसाइटों से बेरोजगार लोगों के मोबाइल नंबर और बायोडेटा हासिल कर लेते थे और उन्हें कॉल करके पंजीकरण करने के लिए कहते थे और उनसे पैसे ऐंठ लेते थे।

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