राम मंदिर शिलान्यास के बाद बिगड़ा नॉर्थ दिल्ली का माहौल, महिलाओं का आरोप - FIR लिखवाने गए तो अधिकारियों ने की बदसलूकी
नॉर्थ दिल्ली में कुछ लोगों ने 'मुल्लों, बाहर निकलो' के नारे लगाए। साथ ही मस्जिद के पास केसरियां झंडा भी फहराया। इसके बाद जब कुछ महिलाएं पुलिस में रिपोर्ट करने गई तो पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की। साथ ही उनके कपड़े भी फाड़ दिए।;
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में फरवरी में हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद पांच महीनों से माहौल स्थिर नहीं हो पाया है। वहां के लोग धीरे-धीरे अपनी जिंदगी को फिर से बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं 5 अगस्त को राम मंदिर के शिलान्यास के बाद फिर से माहौल बिगड़ने का मामला सामने आया है।
जानकारी मिली है कि नॉर्थ दिल्ली में कुछ लोगों ने 'मुल्लों, बाहर निकलो' के नारे लगाए। साथ ही मस्जिद के पास केसरियां झंडा भी फहराया। इसके बाद जब कुछ महिलाएं पुलिस में रिपोर्ट करने गई तो पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की। उन्हें बहुत मारा। साथ ही उनके कपड़े भी फाड़ दिए।
मुल्लों, बाहर निकलो का लगाया नारा
जानकारी मिली है कि नॉर्थ दिल्ली के कुछ लोग रात के करीब 1 बजे जय श्री राम का नारा लगा रहे थे। इतना ही नहीं, वे लोग मुल्लों, बाहर निकलो और देश के गद्दारों का नारा भी लगा रहे थे। इससे वहां का माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया।
पुलिस ने कपड़े फाड़े
घटना के बारे में इलाके के लोगों के साथ विचार-विमर्श के बाद सुभाष मोहल्ले की सात महिलाएं शनिवार को पुलिस में रिपोर्ट लिखवाने गई। उन महिलाओं में एक शन्नो भी थी जो अपनी सत्रह साल की बेटी के साथ वहां गई थी।
शन्नो ने कहा कि जब वो पुलिस में एफआईआर लिखवाने गई थी तो भजनपुरा पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने हमें बहुत पीटा। इतना ही नहीं, वहां मौजूद पुरूष अधिकारियों ने भी उनके साथ बदसलूकी की। शन्नो ने कहा कि उन्होंने हम पर चाटें बरसाए और छाती पे हाथ मारकर मेरी कमीज भी फाड़ दी।
पुलिस ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
भजनपुरा के नए एसएचओ अशोक शर्मा ने कहा कि 5 अगस्त को भूमि पूजन के बाद कुछ लोगों ने उनकी सड़कों पर केसरिया झंडे फहराए। अब वो लोग चाहते हैं कि हम उन पर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि उस क्षेत्र में हिंदू और मुस्लिम दोनों लोग रहते हैं। उस दिन कई लोगों ने पटाखे जलाकर खुशियां मनाई। ऐसे में बिना कारण हम उनपर कैसे कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि ये तब समस्या होती जब वे लोग उनके दरवाजे पर झंडा फहराते। लेकिन सड़कों पर झंडे फहराना कोई जुर्म नहीं है।
उन्होंने कहा कि वे लोग हमारे पास रात के करीब 9 बजे एफआईआर दर्ज करवाने आए। वे हमसे कहने लगे कि अगर हम एफआईआर दर्ज नहीं करेंगे तो वो पुलिस स्टेशन से नहीं जाएंगे। मैंने उनसे कहा कि एफआईआर ऐसे दर्ज नहीं होती। हमें पहले जांच करनी होगी। और झंडा फहराना कोई जुर्म नहीं है। ऐसे में जांच करनी जरूरी है। उन्होंने महिलाओं के द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को भी गलत बताया।
शन्नो को हाईकोर्ट ने प्रदान की हुई है सुरक्षा
बता दें कि शन्नो और उसका पति सलीम, दोनों दिल्ली के दंगे में चश्मदीद गवाह हैं। दिल्ली दंगे के दो महीने बाद 18 अप्रैल को शन्नो ने भजनपुरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाया था कि उसके पड़ोस के कुछ लोग भी दिल्ली दंगे में आरोपी हैं। इस मामले के कुछ वीडियोज भी दोनों ने पुलिस को दी थी।