Red Fort Violence: लक्खा सिधाना को मिली अग्रिम जमानत, कोर्ट ने कही ये बड़ी बात

Red Fort Violence: अदालत ने 50 हजार रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत राशि पर अग्रिम जमानत मंजूर कर ली। सिधाना से अपना पासपोर्ट सौंपने और महीने में दो बार अपने रहने के स्थान के बारे में जांच अधिकारी को अवगत कराने तथा हर महीने के अंतिम शनिवार को पंजाब के बठिंडा जिले में एक थाने के प्रभारी के सामने पेश होने को भी कहा गया।;

Update: 2021-07-30 05:21 GMT

Farmers Protest किसान रैली के दौरान गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर लाल किले (Red Fort Violence) में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली कोर्ट (Delhi Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने गैंगस्टर से कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना (Lakha Sidhana) को एक मामले में अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) दे दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि उसके खिलाफ मामला नहीं बनता है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने कहा कि प्रारंभिक नजर में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे पता चले कि सिधाना लालकिला के भीतर मौजूद था और अगर वह था भी तो उसके खिलाफ मामला नहीं बनता है।

कोर्ट ने पुलिस पर उठाए सवाल

जज ने कहा कि जांच अधिकारी यह नहीं बता पाए कि जांच के दौरान आरोपी को हिरासत में रखकर पूछताछ की क्यों जरूरत है। अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी आश्वस्त नहीं है कि लाल किला के बाहर मौजूदा बहुत गंभीर अपराध और गैर जमानती है या नहीं। न्यायाधीश ने कहा कि मेरे विचार से इनमें अधिकतर मामले जमानती हैं। अदालत ने 50 हजार रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत राशि पर अग्रिम जमानत मंजूर कर ली। सिधाना से अपना पासपोर्ट सौंपने और महीने में दो बार अपने रहने के स्थान के बारे में जांच अधिकारी को अवगत कराने तथा हर महीने के अंतिम शनिवार को पंजाब के बठिंडा जिले में एक थाने के प्रभारी के सामने पेश होने को भी कहा गया।

'सिधाना हिंसा के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक'

अतिरिक्त लोक अभियोजक रजत कालरा ने अदालत को बताया कि सिधाना हिंसा के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। हालांकि, सिधाना ने गणतंत्र दिवस पर हिंसा में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है। आपको बता दें कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भिड़ंत हो गयी थी और लाल किला में उपद्रव मचाते हुए ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा लगा दिया था। हिंसा की घटनाओं में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

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