सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की आज अहम बैठक, इन मुद्दों पर लिया जा सकता है फैसला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कृषि अधिनियम को वापस लेने की घोषणा की है। इसके बाद उम्मीद थी कि किसानों का आंदोलन (Farmers' Movement) खत्म हो जाएगा। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ।;

Update: 2021-11-21 04:23 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कृषि अधिनियम को वापस लेने की घोषणा की है। इसके बाद उम्मीद थी कि किसानों का आंदोलन (Farmers' Movement) खत्म हो जाएगा। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ। आज संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) की कोर कमेटी की अहम बैठक होने जा रही है। बैठक में चर्चा की गई कि आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति क्या होगी।

अगला कदम क्या होगा? संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि अभी तक सभी मांगों को पूरा नहीं किया गया है। इसलिए आंदोलन जारी रहेगा। 22 नवंबर को लखनऊ किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) को सफल बनाएं। वही 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद तक ट्रैक्टर मार्च के शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बता दे संयुक्त किसान मोर्चा की शनिवार को भी बैठक हुई थी।

संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा कि उनकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। मोर्चा ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) की गारंटी देने वाला कानून लागू होने तक आंदोलन जारी रहेगा। कृषि कानूनों (Agricultural Law) को वापस लेने की घोषणा को किसानों के धैर्य की ऐतिहासिक जीत बताते हुए मोर्चा ने कहा, ''कानूनों को वापस लाने की संसदीय प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार है।

वही किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने शनिवार को कहा कि 26 और 29 नवंबर को होने वाले पूर्व निर्धारित कार्यक्रम जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम 22 नवंबर को लखनऊ की रैली को सफल बनाएंगे। अगर लखीमपुर खीरी में हमारे साथियों को परेशान करने की कोशिश की गई तो हम लखीमपुर खीरी क्षेत्र में आंदोलन करेंगे। वहीं कानून को वापस लेने की बात पर उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि केंद्र सरकार ने फैसला लिया है, लेकिन ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए।

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