उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों को भड़काने वाला ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज

कोर्ट ने कहा कि आरोपी के मौका-ए-वारदात पर होने के बहुत साक्ष्य है जो यह बताते है कि वह वहां मौजूद था। हिंसा में आरोपी के भागीदारी होने की जांच हो रही है।;

Update: 2020-07-13 11:21 GMT

उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन ने दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी, लेकिन अदालत ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। क्योंकि ताहिर हुसैन के खिलाफ चांदबाग हिंसा, आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या और अजय नाम के एक व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस ने चार्जशीट दायर किया हुआ।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे एक गहरी साजिश थी। हालांकि हिंसा के लिए उसने अपने शरीर का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि उसने दंगाइयों का इस्तेमाल 'ह्यूमन वेपन' के रूप में किया जो उसके बहकावे में आकर किसी की भी हत्या कर सकते थे।

कोर्ट ने कहा कि आरोपी के मौका-ए-वारदात पर होने के बहुत साक्ष्य है जो यह बताते है कि वा वहां मौजूद था, और वह एक विशेष समुदाय के लोगों को उकसा रहा था। जो कि बाद में दंगा हाेने पर हालात बेकाबू हो गए थे। कई लोगों की जान चली गई थी।

कोर्ट ने कहा कि की उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा में आरोपी के भागीदारी होने की जांच हो रही है और पीएफआई, पिंजरा तोड़, जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी, यूनाइटेड अंगेस्ट हेट ग्रुप और एंटी सीएए प्रदर्शनकारियों के साथ भी संबंध होने की आशंका। 

जामिया हिंसा से संबंधित सभी याचिकाओं पर पुलिस से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह पिछले साल दिसंबर में सीएए के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में विरोध-प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा से संबंधित विभिन्न याचिकाओं पर जवाब दाखिल करे। अदालत का यह आदेश कुछ याचिकाकर्ताओं द्वारा यह सूचित किए जाने के बाद आया कि दिल्ली पुलिस ने कुछ याचिकाओं में ही अपना जवाब दाखिल किया है।

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