दिल्ली समेत देशभर के शहरों में बैंक कर्मचारियों की हड़ताल, विपक्षी दलों ने बैंकों के निजीकरण को लेकर केंद्र को घेरा
यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ देशभर में दो दिन हड़ताल बुलाई है। बैंक कर्मचारी कनॉट प्लेस में विरोध-प्रदर्शन कर रहे है। देशभर में बैंकों में चेक क्लीयरेंस सहित अन्य बैंक सेवाओं पर असर दिखा। सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की सरकार की घोषणा के खिलाफ इस हड़ताल का आह्वान किया गया है;
बैंको का निजीकरण (Privatization Of Bank ) को लेकर केंद्र के खिलाफ यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) ने आज और कल दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया जा रहा है। जिसकी वजह से आज देशभर के शहरों में बैंक कर्मचारी हड़ताल (Bank Employees) पर है। बताया जा रहा है कि यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ देशभर में दो दिन हड़ताल बुलाई है। बैंक कर्मचारी कनॉट प्लेस में विरोध-प्रदर्शन कर रहे है।
उधर, गुजरात में भी सरकारी बैंकों का निजीकरण करने के सरकार के फैसले के खिलाफ वडोदरा में बैंक कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बैंकों के निजीकरण को लेकर बैंक कर्मचारियों में सरकार के प्रति रोष बढ़ रहा है। बिहार के पटना में भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारी हड़ताल पर हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे एक बैंक कर्मचारी ने बताया कि बजट में सरकार ने दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है, निजीकरण देश के हित में नहीं है।
वहीं इस हड़ताल से देशभर में बैंकों में चेक क्लीयरेंस सहित अन्य बैंक सेवाओं पर असर दिखा। सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की सरकार की घोषणा के खिलाफ इस हड़ताल का आह्वान किया गया है। यूएफबीयू ने 15 और 16 मार्च को दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। उसका दावा है कि 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी इस हड़ताल में भाग लेंगे। यूएफबीयू बैंकों के अधिकारी और कर्मचारियों की नौ यूनियनों का एक संयुक्त मंच है।
हालांकि, इस दौरान निजी क्षेत्र के बैंकों आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक की शाखायें रोजमर्रा की तरह काम करती रही। निजी क्षेत्र के बैंक इस हड़ताल में शामिल नहीं हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है। सरकार के निजीकरण कार्यक्रम के तहत इसकी घोषणा की गई। सरकार इससे पहले (IDBI Bank) आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर चुकी है।
इसी बीच, विपक्षी दलों ने बैंकों का निजीकरण को लेकर केंद्र को घेरने की कोशिश की है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बैंकों का राष्ट्रीयकरण इसलिए किया गया था कि गरीब लोगों को उसका फायदा मिले, सामान्य आदमी को भी लोन मिल सके और वह व्यवसाय कर सके। बैकों में काम करने वाले लोगों को प्रधानमंत्री परेशान कर रहे हैं। वे बैंकों को चंद लोगों के हाथ में देना चाहते हैं।