महबूबा मुफ्ती बोलीं- अंग्रेजों ने हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ खड़ा किया, आज भाजपा कर रही- प्रधानमंत्री चुपचाप...
देश को गुजरात मॉडल, यूपी मॉडल, असम मॉडल, एमपी मॉडल- आप इसे जो भी कहें, इसे बदलने का प्रयास किया जा रहा है।;
जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (PDP President Mehbooba Mufti) ने सोमावार को श्रीनगर (Sri Nagar) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए असम सीएम के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगया कि वे इस देश की बुनियाद हिलाने की बात कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इनका कम्पटीशन चल रहा है कि हमें देश को गुजरात मॉडल बनाना है या उत्तर प्रदेश मॉडल बनाना है। ये असम के मुख्यमंत्री से भी दो कदम आगे जाना चाहते हैं। हमारे सामने मिशाल है कि गुजरात में क्या हुआ, उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के साथ क्या हो रहा है। ये इस मुल्क की बुनियाद को हिलाने की बात कर रहे हैं। ये मुल्क जिस संविधान पर बना था उस संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
Competition is going in - do they want to implement Gujarat model, UP model or does Assam CM want to stay 2 steps ahead. They are talking about shaking the roots of this country. The Constitution on which this country was based is now being taken apart: Mehbooba Mufti on Assam CM pic.twitter.com/MSRZDK05ej
— ANI (@ANI) May 23, 2022
आगे कहा कि देश को गुजरात मॉडल, यूपी मॉडल, असम मॉडल, एमपी मॉडल- आप इसे जो भी कहें, इसे बदलने का प्रयास किया जा रहा है। सीएम आपस में कम्पटीशन कर रहे हैं कि मुसलमानों को सबसे ज्यादा कौन परेशान कर सकता है। इसलिए मंदिरों और मस्जिदों के मुद्दे उठाए जा रहे हैं।
मुसलमानों को प्रतिक्रिया के लिए उकसाया जा रहा है ताकि इन लोगों को गुजरात या यूपी की तरह एक और प्रकरण को अंजाम देने का मौका मिले। अंग्रेजों ने हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ खड़ा किया, आज भाजपा कर रही है। प्रधानमंत्री चुपचाप देख रहे हैं। उनकी पार्टी (बीजेपी) सोचती है कि इसका मतलब है कि वे जो कर रहे हैं वह सही है।
क्या कहा था असम सीएम ने...
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा था कि मदरसा ऐसी शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए जो छात्रों को भविष्य में कुछ भी करने का विकल्प दे सके। किसी भी धार्मिक संस्थान में प्रवेश उस उम्र में होना चाहिए जहां वे अपने निर्णय खुद ले सकें।