अमलतास वेलफेयर सोसायटी द्वारा संचालित अमलतास स्पेशल स्कूल
Amaltas Special School;
देवास। किसी के सपनों को पूरा करना शायद दुनिया में सबसे बेहतरीन काम होता है। भले ही कुछ बच्चों के नसीब में दिव्यांगता लिखी हो लेकिन ऐसे बच्चों की जिंदगी में नए बदलाव की शुरुआत हम एक छोटी सी कोशिश के जरिए कर सकते है। देवास शहर से 11 किलोमीटर दूर अमलतास वेलफेयर सोसायटी की एक छोटी सी कोशिश ही आज एक सबसे बड़ी सामाजिक बदलाव की मिसाल बन गई है। सोसायटी द्वारा खासतौर पर दिव्यांग बच्चों के लिए अमलतास स्पेशल स्कूल की शुरुआत की गई है। जहां मंदबुद्धि एवं शारीरिक रूप से कमजोर मासूम बच्चों के जीवन को संवारने के लिए चिकित्सकों से लेकर कर्मचारी भी एक मददगार की तरह हर वक्त इनके साथ खड़े हुए।
दिव्यांग बच्चों के लिए कुछ बेहतर करने का वादा ही नहीं बल्कि अमलतास वेलफेयर सोसायटी एक बेहतर सोच के साथ इनके लिए कार्य भी कर रहे है। इसमें बच्चों को स्पेशल स्कूल और अस्पताल में घर तक लाने ले जाने की सुविधा के साथ रहने के लिए होस्टल भी उपलब्ध करा रहा है।इन बच्चों के खाने से लेकर दिनचर्या की हर जरूरत को पूरा करने की व्यवस्था भी की गई है।अमलतास समूह के संस्थापक सुरेशसिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में अमलतास अस्पताल में दिव्यांग बच्चों के लिए अमलतास स्पेशल स्कूल संचालित किया जा रहा है।
100 से अधिक दिव्यांग बच्चों की जिंदगी में बदलाव की मिसाल
देवास सहित आसपास के जिलों के दिव्यांग बच्चे भी लाभ ले रहे है इन बच्चों की चिकित्सा विशेष प्रकार से की जा रही है। डाउन सिंड्रोम , डेवलपमेंट डिले, आटिज्म जैसी बीमारी से ग्रसित बच्चों की विशेष चिकित्सा इस स्कूल में की जा रही है। स्कूल में कुछ बच्चे भी ऐसे है, जो उम्र के अनुसार विकसित नहीं हुए है।इसमें कुछ बच्चे बैठने और चलने तक में सक्षम नहीं हो ऐसे बच्चों की असामान्यता का यहां उपचार किया जा रहा है। 100 से अधिक बच्चे स्कूल में स्पेशल थेरेपी ले रहे है। इसमें 80 प्रतिशत बच्चों की जिंदगी में काफी बदलाव देखने को मिल रहे है। स्पेशल स्कूल से ठीक होने वाले बच्चों के अभिभावक की भी जिम्मेदारी है कि वह थैरेपी निरंतर चलाते रहे।