कृषि विधेयकों को लेकर राजनीति तेज : बावा बोले- अकाली दल ने हमेशा किसानों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकी हैं
पंजाब में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि विधेयकों का तूल अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले पर किसान अपनी मांगों पर अड़े विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं इस मामले को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज है।;
चंडीगढ़। पंजाब में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि विधेयकों का तूल अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले पर किसान अपनी मांगों पर अड़े विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं इस मामले को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज है। इसी कड़ी में पंजाब राज्य उद्योग विकास निगम के चेयरमैन कृष्ण कुमार बावा ने अकाली दल पर हमला तेज करते हुए कहा कि अकाली दल ने हमेशा ही पंजाब की किसानों के नाम पर राजनीतिक रोटिया सेंकी हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार ने तीन किसान विरोधी कानून पारित करके देश के किसानों को लेकर नकारात्मक सोच दर्शाई है। बावा ने कहा कि दिल्ली में किसान विरोधी कानूनों पर हस्ताक्षर करके और तीन महीनों तक वकालत करके अकाली दल कहता रहा कि बिल किसान हितैषी हैं। अपना आधार खिसकते देख अब अकाली दल ने पाला बदल लिया है। अकाली नेता किसानों की समस्या को राजनीतिक तराजू में तोल रहे हैं। वहीं आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली के इशारों पर सियासी रोटियां सेंकना राजनीतिक दिवालीएपन की निशानी है। बावा ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हमेशा पंजाब के हितों की लड़ाई लड़ी है। जब पंजाबी बोलने वाले क्षेत्रों का मुद्दा उठा था तो कैप्टन अमरिंदर सिंह मोर्चे पर डट गए थे। जब पंजाब के पानी की बात उठी, तब भी कैप्टन सिंह ने पंजाब विधान सभा में प्रस्ताव लाकर दुनिया को किसान हितैषी होने का प्रमाण दिया था। बावा ने कहा कि दिल्ली में किसान विरोधी कानूनों पर हस्ताक्षर करके और तीन महीनों तक वकालत करके अकाली दल कहता रहा कि बिल किसान हितैषी हैं।