राजस्थान के बाद अब पंजाब सरकार की बढ़ी मुश्किलें, बाजवा ने कैप्टन को हटाने के लिए की कांग्रेस आलाकमान से मांग
राजस्थान में गरमाया सियासी संकट तो खत्म हो गया है मगर अब ऐसा ही विवाद पंजाब में भी देखने को मिल सकता है। यहां प्रदेश सरकार में आपस में ही कलह पैदा हो रही है। इसी के चलते यहां कैप्टन सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।;
जालंधर। राजस्थान में गरमाया सियासी संकट तो खत्म हो गया है मगर अब ऐसा ही विवाद पंजाब में भी देखने को मिल सकता है। यहां प्रदेश सरकार में आपस में ही कलह पैदा हो रही है। इसी के चलते यहां कैप्टन सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर और पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ के खिलाफ राज्यसभा सांसदों प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो के बीच पैदा हुए विवाद और दोनों धड़ों द्वारा एक दूसरे पर किए जा रहे आरोप-प्रत्यारोप का मामला अब कांग्रेस आलाकमान तक पहुंच गया है। जाखड़ और बाजवा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करके उन्हें प्रदेश के राजनीतिक हालातों से अगवत करवाना चाहते हैं।
विधायक कैप्टन सरकार से नाराज
बाजवा ने कहा कि भले ही यह विधायक सरकार के पक्ष में पत्र जारी कर रहे हों लेकिन सच्चाई यह है कि ये विधायक सरकार और संगठन से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि विधायक नहीं चाहते कि कैप्टन और जाखड़ का पंजाब में नेतृत्व जारी रहे। बाजवा ने कहा कि हाईकमान को इसे लेकर जल्द फैसला करना होगा। सोनिया गांधी या राहुल गांधी को सभी विधायकों को ग्रुप की बजाए एक-एक करके दिल्ली बुलाकर उनकी पीड़ा सुननी चाहिए।
बाजवा ने कहा कि पिछले दिनों जहरीली शराब से हुई मौतें इस बात की गवाह हैं कि किस प्रकार राजनीतिक संरक्षण के चलते माफिया ने पंजाब में अपनी जड़ें कायम कर रखी हैं। उन्होंने कहा कि अगर 2022 में कांग्रेस को फिर से राज्य की सत्ता में काबिज होना है तो कांग्रेस हाईकमान को तुरंत कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ को बदलना चाहिए।