कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए शिअद 'किसान-समर्थक राष्ट्रीय मोर्चा' बनाने की पहल करेगा

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उनकी पार्टी संसद से पारित तीन कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए क्षेत्रीय दलों का 'किसान-समर्थक राष्ट्रीय मोर्चा' बनाने की पहल करेगी।;

Update: 2020-10-10 11:29 GMT

पंजाब में कृषि विधेयकों को खिलाफ किसानों को रोष अब खुल कर सामने आ रहा है। प्रदेश में इस मामले को लेकर जमकर राजनीति भी हो रही है। एक तरफ जहां किसान इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ नेताओं के बीच की कलह भी खुल कर सामने आ रही है। हाल ही में शिरोेमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच भी इन विधेयकों को लेकर टिप्पणियां सामने आ रही हैं। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उनकी पार्टी संसद से पारित तीन कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए क्षेत्रीय दलों का 'किसान-समर्थक राष्ट्रीय मोर्चा' बनाने की पहल करेगी। उन्होंने जोर दिया कि नए कृषि कानूनों से किसानों को लाभ नहीं होगा। कृषि कानूनों को लेकर भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने वाले शिअद के अध्यक्ष बादल ने कहा कि वह निजी तौर पर भी इस नयी पहल में शामिल होंगे और जल्द ही दिल्ली में अन्य क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक शुरू करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे किसान संगठनों से बातचीत करने का भी अनुरोध किया, जोकि कानूनों के खिलाफ हैं।

उधर अमरिंदर बोले- सुखबीर को कृषि कानूनों पर टिप्पणी करने का हक नहीं

कृषि विधेयकों को लकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता सुखबीर सिंह बादल को टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल को नए कृषि कानूनों पर टिप्पणी करने का तब तक हक नहीं है, जब तक कि शिअद प्रमुख यह जवाब नहीं देते कि हरसिमरत कौर बादल ने अध्यादेश का उस समय "विरोध क्यों नहीं किया" जब उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंजूरी दी गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सुखबीर सिंह बादल अपनी ही पार्टी के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए किसानों के आंदोलन को 'हाइजैक करने' की कोशिश कर रहे हैं।

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