Dawood Ibrahim: 'भाई 1 हजार फीसदी फीट, मौत की अफवाहें गलत', डॉन के करीबी छोटा शकील का दावा
UnderWorld Don Dawood Ibrahim: अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद को लेकर दावा किया जा रहा था कि कराची में एक अज्ञात शख्स ने उसे जहर दे दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई।इसी बीच डॉन के करीबी छोटा शकील ने इस खबर को अफवाह बताया है।;
UnderWorld Don Dawood Ibrahim: बारा मुल्क की पुलिस किसको किसको बुला रही है। यह मुहावरा हाल के दिनों में केवल एक ही व्यक्ति पर लागू किया गया है, वह व्यक्ति है अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम। करीब दो दिनों से दुनिया भर में एक ही नाम चर्चा में है, वो है दाऊद (Dawood इब्राहिम)। ऐसी खबरें थीं कि दाऊद को पाकिस्तान के कराची के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद शुरुआती आशंका जताई गई कि पाकिस्तान में किसी ने उन्हें जहर दिया है। हालांकि, दाऊद इब्राहिम के करीबी दोस्त छोटा शकील द्वारा उसके मालिक को जहर देने की खबर को छोटा शकील ने बेबुनियाद अफवाह बताया।
छोटा शकील ने दी सफाई
छोटा शकील ने कहा कि दाऊद को न तो जहर दिया गया है और न ही उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दाऊद भाई 1000 फीसदी फीट है। उसने आगे कहा कि दाऊद की मौत की खबर निरर्थक और आधारहीन हैं। मुंबई पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इन खबरों की पुष्टि नहीं की है कि दाऊद मर गया है। दाऊद से जुड़ी कई खबरों की पड़ताल के दौरान यह बात सामने आई है कि दाऊद न सिर्फ जिंदा है बल्कि पूरी तरह स्वस्थ है। बताया जाता है कि वह पाकिस्तान के एक अस्पताल में गया था, लेकिन सिर्फ पुरानी बीमारियों के इलाज के लिए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दाऊद लंबे समय से पाकिस्तानी आईएसआई का मेहमान बनकर कड़ी सुरक्षा में रह रहा है।दाऊद के वफादार उसे सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं। दाऊद की बीमारी के साथ-साथ पाकिस्तानी क्रिकेट दिग्गज जावेद मियांदाद को भी नजरबंद रखा गया था। जावेद मियांदाद अंडरवर्ल्ड डॉन के करीबी सहयोगी हैं। 1993 मुंबई ब्लास्ट के मास्टरमाइंड दाऊद को पाकिस्तान ने पनाह दी। लेकिन पाकिस्तान ने अपनी धरती पर उनकी मौजूदगी से इनकार कर दिया। जहां भारतीय खुफिया एजेंसी का मानना है कि शकील कराची के क्लिफ्टन इलाके में है, वहीं पाकिस्तान इससे इनकार करता है।
अपराध की दुनिया में कैसे आया दाऊद
दाऊद इब्राहिम का असली नाम शेख दाऊद इब्राहिम कास्कर है। उसके पिता शेख इब्राहिम अली कास्कर मुंबई पुलिस में कांस्टेबल थे। आर्थिक तंगी के कारण उनके पिता ने उनकी पढ़ाई छुड़वा दी। इसके बाद दाऊद ने अपराध की दुनिया में कदम रखा। पहले उसने तत्कालीन डॉन हाजी मस्तान के साथ काम किया और बाद में उससे अलग होकर दुबई से काम करने लगा। 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट में दाऊद का हाथ बताया जाता है।