बौखलाए पाकिस्तान पर नजर रखना जरूरी

370 हटाए जाने के दिन से उसकी बचकानी हरकतें शुरू हो गई थी, लेकिन भारत सरकार ने उसे गंभीरता से लिया ही नहीं। इससे पहले उसने अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया। भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को भी खत्म कर दिया।;

Update: 2019-08-15 18:45 GMT

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 एवं 35-ए हटाने और राज्य का पुनर्गठन होने के बाद पड़ोसी पाकिस्तान एक के बाद एक बचकानी हरकतें कर रहा है, जिससे घाटी में अमन-चैन का माहौल खराब हो, कश्मीर का मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठे, लेकिन उसे हर बार मुंह की खानी पड़ रही है। इसके बाद भी वो छल-कपट का सहारा लेने से बाज नहीं आ रहा। 370 हटाए जाने से बौखलाया पाकिस्तान पहले जंग की गीदड़भभकी दे रहा था, कुछ नहीं सूझा तो उसने संयुक्त राष्ट्र में मामला ले जाने की बात की पर उसमें दाल गलती नहीं दिखी तो अब प्रोपेगैंडा का सहारा ले रहा है।

खुद पाकिस्तान के मंत्री भी कश्मीर को लेकर गलत ट्वीट कर दुनिया में भारतीय सुरक्षा बलों की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने अब नई चाल चली है, उन्होंने पंजाबी कार्ड खेलते हुए ट्वीट किया है कि पंजाबी सैनिकों को कश्मीर का हिस्सा बनने से इनकार कर देना चाहिए। उधर, पाक के पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक भी कश्मीरियों पर झूठे ट्वीट करके अपनी हताशा का परिचय दे रहे हैं, लेकिन कोई भी देश अब पाकिस्तान को गंभीरता से नहीं ले रहा है।

यहां तक कि मुस्लिम देशों ने भी पाकिस्तान से पल्ला झाड़ते हुए कश्मीर पर भारत सरकार के कदम को सही ठहराया है। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मध्यस्ता की उम्मीद पाले हुए थे। अब ट्रंप ने भी दो टूक कह दिया है कि अमेरिका की कश्मीर पर दशकों पुरानी नीति रही है कि वह मध्स्थता नहीं करेगा। उन्होंने तो इससे एक कदम बढ़कर यहां तक कहा कि कश्मीर में लगाई गई पाबंदिया कुछ वक्त के लिए हैं और हालात ठीक होते ही हटा ली जाएंगी।

ऐसा वक्तव्य संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस भी दिया है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान को शिमला समझौते और लाहौर घोषणा पत्र के अनुसार द्विपक्षीय आधार पर सुलझाना चाहिए। इससे पाकिस्तान पूरी तरह से बौखलाया हुआ है। यहां तक कि चीन ने भी कश्मीर मामले में पाकिस्तान का साथ देने से साफ इनकार कर दिया है, रूस तो पहले से ही भारत के समर्थन में था। जिससे वो इस मामले में अलग-थलग पड़ गया है।

370 हटाए जाने के दिन से उसकी बचकानी हरकतें शुरू हो गई थी, लेकिन भारत सरकार ने उसे गंभीरता से लिया ही नहीं। इससे पहले उसने अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया। भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को भी खत्म कर दिया। समझौता व थार एक्सप्रेस को भी बंद कर दिया। संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाया। पाक सरकार ने अपने मंत्रियों को अनेक देशों की यात्रा पर भी रवाना किया ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर के मामले का उठाया जा सके, लेकिन किसी भी देश ने उसे साथ देने की हामी नहीं भरी।

इसी से बौखलाए पाकिस्तान ने बकरीद के अवसर पर भारत द्वारा ऑफर की गई मिठाई लेने से भी इनकार कर दिया। अब पाकिस्तान अच्छी तरह से समझ चुका है कि वो कश्मीर मामले पर कुछ नहीं कर सकता। उसके मंत्री संयुक्त राष्ट्र पर भी अविश्वास जता चुके हैं, इसलिए अब भारत के लिए जरूरी हो गया है कि पाकिस्तान पर कड़ी नजर रखी जाए, क्योंकि वह बौखलाहट में आकर ऐसे कोई कदम उठा सकता है जो कश्मीर की शांति और सुरक्षा को प्रभावित करने वाले साबित हो।

हालांकि पाक को गंभीरता से न लेने की भारत सरकार की रणनीति बिलकुल सही साबित हुई है। उसे विश्व स्तर पर कहीं से भी समर्थन नहीं मिला। फिर भी आतंकी गिरोहों के चंगुल में फंसे पड़ोसी पर गहन निगहबानी बहुत जरूरी है। चूंकि अनुच्छेद 370 से पाकिस्तान के पैरों तले की जमीन खिसक गई है इसलिए वह बौखलाया हुआ है। भारत को यह ध्यान रखना चाहिए कि उसकी यह बौखलाहट आसानी से शांत नहीं होने वाली।

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