Independence Day 2019: भारतीय खेल इतिहास के कुछ सुनहरे पल

Independence Day 2019: 15 अगस्त 2019 को भारत अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस (Happy Independence Day 2019) मनाने जा रहा है। इस मौके पर हम भारतीय खेल इतिहास के कुछ सुनहरे पल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया।;

Update: 2019-08-14 10:18 GMT

Happy Independence Day 2019 (स्वतंत्रता दिवस 2019) भारत 15 अगस्त 1947 (15 August 1947) को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। इस दिन के बाद हमलोग हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के रूप में मनाते हैं। 15 अगस्त 2019 को भारत अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस (Happy Independence Day 2019) मनाने जा रहा है। इस मौके पर हम भारतीय खेल इतिहास के कुछ सुनहरे पल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया।

1948: स्वतंत्र भारत का पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल

भारतीय हॉकी टीम ने पहले ही ओलंपिक खेलों में तीन स्वर्ण पदक जीते थे लेकिन ये सभी पदक आजादी से पहले आए थे। लंदन में 1948 के ओलंपिक में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में भारत के पास अपना पहला पदक जीतने का मौका था। लंदन के वेम्बली स्टेडियम में 1948 के ओलंपिक फाइनल में ग्रेट अंग्रेज टीम (ब्रिटेन) को 4-0 से हराकर भारत ने आजादी के बाद पहला गोल्ड मेडल जीता।


1952: भारत ने क्रिकेट में पहली टेस्ट श्रृंखला जीती

भारत में क्रिकेट के धर्म बनने से बहुत पहले लाला अमरनाथ ने 1933 में भारत की ओर से पहला टेस्ट शतक बनाकर भारतीय क्रिकेट इतिहास में अपना नाम पहले ही दर्ज कर लिया था। लेकिन 1952 के अंत में उनके गौरव का क्षण आया, जब उनकी कप्तानी में भारत क्रिकेट में अपने पहली टेस्ट श्रृंखला जीतने में सफल रही। क्रिकेट में भारत की पहली टेस्ट श्रृंखला जीत इसलिए भी बेहद खास हो गई कि उन्होंने अपने कट्टर दुश्मन पाकिस्तान को हराकर यह उपलब्धि हासिल की थी। भारत ने दिल्ली और बॉम्बे में क्रमशः पहला और तीसरा टेस्ट मैच जीता और अंततः श्रृंखला को 2-1 अपने नाम किया।


1964: भारतीय हॉकी के लिए सुनहरा दौर

भारत 1960 के रोम ओलंपिक में पाकिस्तान के हाथों हारकर गोल्ड मेडल जीतने से चूक गया था, लेकिन अगले ओलंपिक में वह पाकिस्तान से बदला लेने को बेताब था। और उनका यह सपना चार साल बाद पूरा हुआ। भारत ने 1964 के ओलंपिक फाइनल में पाकिस्तान को 1-0 से हराकर ओलंपिक में अपना सातवां हॉकी स्वर्ण जीता। हालांकि भारत को गोल्ड जीतने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया 3-1 से हराने के बाद भारत ने गोल्ड के लिए सोचना शुरू कर दिया।


1983: भारत ने पहला वर्ल्ड कप खिताब जीता

25 जून 1983 को लॉर्ड्स में भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला तीसरा क्रिकेट वर्ल्ड कप खेला गया था। कपिल देव की कप्तानी में उस समय की कमजोर टीम भारत ने दो बार की वर्ल्ड कप चैंपियन वेस्टइंडीज को हराकर इतिहास रच दिया था। भारत का यह पहला वर्ल्ड कप खिताब था। भारत पहले सेमीफाइनल में इंग्लैंड को 6 विकेट से हराने के बाद विश्व कप फाइनल में अपनी जगह बनाई थी। विश्व कप के फाइनल में किसी एशियाई देश ने पहली बार जगह बनाई थी। 1983 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 54.4 ओवर में 183 रन बनाए, जवाब में वेस्टइंडीज की टीम 52 ओवरों में महज 140 रनों पर सिमट गई।


2011: भारत ने दूसरी बार वर्ल्ड कप खिताब जीता

मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 2 अप्रैल 2011 को भारत और श्रीलंका के बीच वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मुकाबला खेला गया था। श्रीलंका को छह विकेट से हराकर एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने 1983 के बाद दूसरी बार वर्ल्ड कप का खिताब जीता। वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में महेला जयवर्धने के शानदार शतक की बदौलत पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने 50 ओवर में 6 विकेट पर 274 रन बनाए।


 जवाब में एमएस धोनी और गौतम गंभीर की शानदार पारियों की मदद से भारत ने 48.2 ओवर में 4 विकेट खोकर 277 रन बनाकर इस मैच को 6 विकेट से जीता लिया। भारत की ओर से एमएस धोनी 91 और गौतम गंभीर ने 97 रन बनाए।  

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