सचिन का वो फैसला जिसकी वजह से भारत ने वर्ल्डकप सेमीफाइनल में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के विरुद्ध वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में 85 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी, इसके लिए उन्होंने मैन ऑफ द मैच का खिताब जीता था।;

Update: 2020-03-30 06:50 GMT

भारत बनाम पाकिस्तान क्रिकेट जगत की दुनिया का सबसे बड़ा मैच होता है, और अगर वो मैच वर्ल्डकप में हो तो फिर कहना ही क्या। ऐसे मैचों में भारत की सड़कें खाली हो जाती है, सब बस टीवी के सामने होते हैं क्योंकि भारत पाकिस्तान क्रिकेट मैच वर्ल्ड कप फाइनल से भी बड़ा माना जाता है। ऐसा ही एक मैच क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 में भारत बनाम पाकिस्तान के बीच हुआ, जिसे भारत ने जीतकर पाकिस्तान को धूल चटाई और वर्ल्डकप फाइनल में जगह बनाई। लेकिन इस मैच में मैन ऑफ द मैच बने सचिन तेंदुलकर अगर एक समझदारी भरा फैसला नहीं करते तो शायद भारत के लिए यह मैच जीतना मुश्किल हो जाता।

तेंदुलकर का डीआरएस, जिसने दिलाई भारत को जीत

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के विरुद्ध वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में 85 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी, इसके लिए उन्होंने मैन ऑफ द मैच का खिताब जीता था। क्या आपको पता है कि सचिन तेंदुलकर 23 रनों पर ही एलबीडबल्यू आउट हो गए थे, और अंपायर ने उन्हें आउट करार भी दे दिया था। गेंद भी सटीक थी, जिसकी वजह से सभी को लगा कि सचिन इस पर डीआरएस नहीं लेंगे, क्योंकि वीरेंद्र सहवाग ने एक डीआरएस पहली ही गवां दिया था, इस पर अगर सचिन और दूसरे छोर पर मौजूद गौतम गंभीर को अंतिम फैसला लेना था। सचिन ने अंत समय में डीआरएस का इशारा किया, और भारत ने अपना आखिरी डीआरएस भी ले लिया। स्क्रीन पर देखा गया कि सचिन तेंदुलकर आउट नहीं है और फिर उन्होंने 85 रनों की मैच विनिंग पारी खेली। अगर सचिन तेंदुलकर डीआरएस का फैसला नहीं लेते तो शायद भारत के लिए पाकिस्तान को हराना मुश्किल हो जाता।

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