3 मार्च क्रिकेट का काला दिन, श्रीलंकाई टीम पर हुईं थी अंधाधुंध फायरिंग

आज से 12 साल पहले जब श्रीलंकाई टीम (SriLankan team) पर आतंकवादी हमला (terrorist Attack) हुआ था। जिसके बाद हर साल इसी दिन श्रीलंकाई क्रिकेटरों (Srilankan cricketer) के जख्म एक बार फिर ताजा हो जाते हैं।;

Update: 2021-03-03 06:39 GMT

खेल। 3 मार्च क्रिकेट इतिहास का काला दिन (the darkest day)... आज से 12 साल पहले जब श्रीलंकाई टीम (SriLankan team) पर आतंकवादी हमला (terrorist Attack) हुआ था। जिसके बाद हर साल इसी दिन श्रीलंकाई क्रिकेटरों (Srilankan cricketer) के जख्म एक बार फिर ताजा हो जाते हैं। 2009 में पाकिस्तान (Pakistan) और श्रीलंका (SriLanka) के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जानी थी। सीरीज का पहला मैच कराची (karachi) में 21 से 25 फरवरी के बीच खेला गया, जो कि ड्रॉ रहा। तो वहीं दूसरा मैच लाहौर (Lahore) में 1 मार्च से 5 मार्च तक खेला जाना था। इसी दौरान अचानक से एक आतंकवादी हमला हुआ, जिसने पूरी दुनिया में क्रिकेटरों और लोगों के दिलों में दहशत पैदा कर दी।


मंगलवार की वो सुबह किसी बुरे सपने की तरह रही। उस सुबह जब श्रीलंकाई टीम (SriLankan team) तीसरे दिन के खेल के लिए होटल से गद्दाफी स्टेडियम (Gaddafi Stadium) जा रही थी, तभी दर्जनभर आतंकियों ने टीम की बस पर अंधाधुंध फायरिंग करनी शुरू कर दी। उस दौरान बस के ड्राइवर मेहर मोहम्मद खलील की सूझबूझ ने खिलाड़ियों की जान बचा ली। और उन्होंने बस को गोलीबारी के बीच से निकाल कर गद्दाफी स्टेडियम में लगा दिया। लेकिन इस हमले में टीम के कप्तान महेला जयवर्धने (Mahela Jayawardene), कुमार संगकारा (Kumar Sangakkara), अजंथा मेंडिस (Ajantha Mendis), थिलन समरवीरा (Thilan Samaraweera), थरंगा पारनविताना (Tharanga Paranavitana) और चामिंडा वास (Chaminda vaas) घायल हो गए। हालांकि इस हमले में पुलिस के 6 जवान समेत 8 लोगों की मौत हो गई। वहीं हमले के बाद मैच रद्द हो गया और श्रीलंकाई टीम को स्टेडियम से एयरलिफ्ट (Airlift) करके एयरपोर्ट पहुंचाया गया जिसके बाद टीम अपने घर वापस लौट आई।


दरअसल आतंकियों ने अपनी नापाक हरकत में सबसे पहले बस को ही निशाना बनाया इतना ही नहीं उन्होंने बस पर रॉकेट और ग्रेनेड से भी हमला किया। वहीं रॉकेट का निशाना तो चूक गया साथ ही ग्रेनेड के ऊपर से बस गुजर कर पार हो गई। उस समय श्रीलंकाई खिलाड़ियों का कहना था कि यह सब इतनी अचानक हुआ कि उन्हें कुछ समझ ही नहीं कि आखिर हो क्या रहा है? जिसके बाद ड्राइवर खलील ने बताया था कि, "उस वक्त मैं घबरा गया था लेकिन तभी खिलाड़ी चिल्लाने लगे और बस को भगाने के लिए कहा, जिसके बाद मुझे खुद पता नहीं कि क्या हुआ? मैंने बिना सोचे समझे बस वहां से भगा दी और 20 मिनट के अंदर ही बस को स्टेडियम में लगा दिया।" वहीं खलील की बहादुरी से खिलाड़ियों की जान बच गई और उन्हें श्रीलंकाई राष्ट्रपति (President of sri lanka) ने सम्मानित भी किया।

लेकिन इस हमले ने दुनिया को 5 सितंबर 1972 में हुए फलस्तीनी हमले की यादें ताजा करा दी। जिसमें फलस्तीनी हमलावरों ने 11 इजरायली फुटबॉल खिलाड़ियों को मौत के घाट उतार दिया था। वहीं इस हमले ने दुनियाभर को सकते में डाल दिया। जिसके बाद पाकिस्तान कई सालों तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी करने के लिए तरस गया था। लेकिन कोई भी देश अपनी क्रिकेट टीम को पाकिस्तान भेजने के लिए मंजूर नहीं हुआ।

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