Sunday Special: नस्लीय घटनाओं के कारण क्रिकेट हुआ शर्मसार, दिग्गज खिलाड़ी को अश्वेत होने की वजह से ट्रेन से फेंका तो किसी को कहा गया आतंकवादी
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ऑली रॉबिन्सन (Ollie Robinson) को हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट से सस्पेंड कर दिया गया है, उन्होंने 8 साल पहले कुछ नस्लीय ट्वीट किये थे जिसकी वजह से उन्हें ये सजा मिली। क्रिकेट इतिहास में कई ऐसी नस्लीय घटनाएं (Racism in Cricket) हुई हैं जिसकी वजह से खेल शर्मसार हुआ है।;
खेल। पूरी दुनिया में इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) अपने खिलाड़ियों के द्वारा की गई नस्लीय भेदी ट्वीट के कारण सुर्खियों में है। इसी को लेकर इसीबी ने अपने तेज गेंदबाज ऑली रॉबिन्सन (Ollie Robinson) को नस्लीय ट्वीट करने के कारण निलंबित (Suspend) कर दिया है। दरअसल रॉबिन्सन ने ये ट्वीट 8-9 साल पहले किये थे जिसका खामियाजा उन्हें अपने डेब्यू टेस्ट (debut Test) के बाद भुगतना पड़ा। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है कि जब किसी खिलाड़ी ने नस्लीय टिप्पणी की हो। इतिहास में पहले भी कई ऐसी घटनाएं हैं जब नस्लीय टिप्पणियों (Racism in Cricket) के कारण से जेंटलमैन गेम कहा जाने वाला क्रिकेट शर्मसार हुआ है।
आज हम अपने संडे स्पेशल में आपको उन्हीं खिलाड़ियों के बार में बताएंगे जिन्हें इन नस्लीय टिप्पणियां झेलनी पड़ीं।
1. कॉलिन क्रॉफ्ट
वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी कॉलिन क्रॉफ्ट को 1983 में साउथ अफ्रीका दौरे के दौरान ट्रेन से फेंक दिया गया था। और इसका कारण महज इतना था कि कॉलिन केपटाउन में श्वेत लोगों की ट्रेन में चढ़ गए थे जिसके बाद उन्हें बाहर फेंक दिया गया। जिसके बाद एक श्वेत यात्री ने ही कॉलिन की मदद की और उन्होंने तीसरे श्रेणी के डिब्बे में सफर तय किया। लेकिन इस घटना ने साउथ अफ्रीकी की सरकार को शर्मसार कर दिया, क्योंकि उसने ही अपनी छवि सुधारने के लिए वेस्टइंडीज-साउथ अफ्रीका की सीरीज का आयोजन कराया था। ऐसा ही वाक्या महात्मा गांधी के साथ भी हुआ था जब उन्हें पीटरमैरिट्सबर्ग में उनके रंग के कारण ट्रेन से उतार दिया गया था।
2. हरभजन सिंह
भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाज हरभजन सिंह पर भी साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान नस्लीय टिप्पणी का आरोप लगा था, जो कि गलत साबित हुए। दरअसल सिडनी टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर एंड्रयू सायमंड्स ने आरोप लगाया कि हरभजन सिंह ने उन्हें 'मंकी' (बंदर) कहा है। मामला मैच रेफरी माइक प्रॉक्टर तक पहुंचा और उन्होंने हरभजन सिंह के खिलाफ फैसला दिया। जिसके बाद हरभजन सिंह पर 3 मैच का बैन लगा दिया गया। जिसके बाद भारतीय टीम ने दौरा रद्द करने की धमकी दी और हरभजन सिंह का पक्ष लेने खुद सचिन तेंदुलकर आगे आए। इसके बाद मैच रेफरी को अपना फैसला बदलना पड़ा और हरभजन सिंह पर से सभी नस्लीय आरोप हटा लिये गए।
3.सरफराज अहमद
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सरफराज अहमद ने मैच के दौरान साउथ अफ्रीकी ऑलराउंडर एंडिले फेहलुकवायो पर नस्लीय टिप्पणी कर पाकिस्तान की नाक कटवा दी थी। सरफराज ने विकेटकीपिंग करते हुए फेहलुकवायो पर नस्लीय टिप्पणी करते हुए हुए उन्हें काला कहा था। जिसके बाद सरफराज अहमद की आवाज स्टंप माइक में कैद हो गई और इसके बाद उनपर चार मैचों का बैन लगा दिया गया।
4. हाशिम अमला
साल 2006 में साउथ अफ्रीका के दिग्गज खिलाड़ी हाशिम अमला भी नस्लीय टिप्पणी का शिकार हुए थे। बता दें कि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डीन जोंस ने कमेंट्री के दौरान उन्हें आतंकवादी कह दिया था। श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच में अमला ने संगकारा का बेहतरीन कैच लपका था जिसके बाद जोंस ने कहा था- आतंकवादी अमला ने कैच पकड़ लिया। इस टिप्पणी के बाद डीन जोंस को कमेंट्री पैनल से ही हटा दिया गया था। जिसके बाद डीन जोंस को बाद में माफी मांगनी पड़ी।
5. मोइन अली
साल 2015 में एशेज सीरीज के दौरान इंग्लैंड के ऑलराउंडर मोइन अली ने भी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी पर नस्लभेद के आरोप लगाए। मोइन अली ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी की पहचान छिपाते हुए खुलासा किया कि उसने उन्हें ओसामा कहा था। जिसके बाद मोइन अली ने इस घटना को अपने करियर का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पल बताया है।