वो भारतीय गेंदबाज जिसे सबसे ज्यादा रन लुटाने के बाद भी दो-दो वर्ल्डकप फाइनल तक खिलाया गया
मैन ऑफ द मैच रहे महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में यह भारतीय क्रिकेट टीम का दूसरा वर्ल्ड कप था, क्योंकि 2007 टी20 वर्ल्ड कप में भी भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ही थे। दोनों वर्ल्ड कप फाइनल में भारतीय क्रिकेट टीम में एक ऐसा गेंदबाज था, जिसनें गेंदबाजी करते हुए बहुत रन लुटाए थे।;
Cricket World Cup Final 2011 : भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) ने 2011 में श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप अपने नाम किया, तो पूरे देश में दिवाली मनाई गई। पूरी रात सड़कों पर जश्न मनाया गया, आतिशबाजी की गई। भारतीय क्रिकेटर्स जीत के बाद इस तरह भावुक हुए कि अपनी आंखों से निकलते आंसुओं को रोक नहीं पाए। जीत इसलिए भी बड़ी थी क्योंकि भारतीय क्रिकेट टीम ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। बेशक यह वर्ल्ड कप 28 सालों बाद भारतीय टीम की झोली में आया था, लेकिन करीब तीन साल पहले ही भारतीय क्रिकेट टीम ने टी20 वर्ल्ड भी अपने नाम किया था।
मैन ऑफ द मैच रहे महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में यह भारतीय क्रिकेट टीम का दूसरा वर्ल्ड कप था, क्योंकि 2007 टी20 वर्ल्ड कप में भी भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ही थे। दोनों वर्ल्ड कप फाइनल में भारतीय क्रिकेट टीम में एक ऐसा गेंदबाज था, जिसनें गेंदबाजी करते हुए बहुत रन लुटाए थे। हम बात कर रहे हैं श्रीसंत (Shanthakumaran Nair Sreesanth) की, जिनका करियर मैच फिक्सिंग में नाम आने के बाद खराब हो गया। चलिए जानते हैं कि श्रीसंत का वर्ल्ड कप फाइनल में कैसा प्रदर्शन रहा था।
एस श्रीसंत (S Sreesanth) का वर्ल्डकप फाइनल में प्रदर्शन
एस श्रीसंत 2007 और 2011 दोनों वर्ल्ड कप फाइनल में भारतीय टीम में शामिल थे, हालांकि गेंदबाजी में बहुत प्रभावित नहीं किया था, लेकिन इतना कह सकते हैं कि वो भारतीय टीम के लिए लकी साबित हुए। वर्ल्ड कप 2011 फाइनल की बात करें तो श्रीसंत की गेंदबाजी ऐसी रही थी कि कप्तान धोनी ने उनके दो ओवर काट लिए थे, और उसे पार्ट टाइम गेंदबाज से करवाने पड़े थे। श्रीसंत ने वर्ल्ड कप 2011 फाइनल में 8 ओवर डाले, जिसमे एक भी विकेट नहीं मिला जबकि उन्होंने साढ़े 6 की रन रेट से 52 दे डाले।
2007 टी20 वर्ल्ड कप में श्रीसंत ने पूरे चार ओवर डाले, जिसमें उनको एक सफलता भी मिली लेकिन यहां भी उन्होंने खूब रन लुटाए। श्रीसंत ने चार ओवरों में 11 की इकॉनमी से 44 रन दे डाले। कहावत है अंत भला तो सब भला, और दोनों वर्ल्ड कप फाइनल में अंत भारतीय क्रिकेट टीम के पक्ष में ही रहा।