World Cup 2011 Final: धोनी को मिले मैन ऑफ द मैच पर उठ गए थे सवाल!
World Cup 2011 Final : युवराज सिंह, हरभजन सिंह, धोनी, गौतम गंभीर आदि क्रिकेटर्स ही नहीं क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर भी जीत के बाद भावुक हो गए थे जो और अपनी आंख से टपकते आंसुओं को रोक नहीं पाए थे। मुंबई में तो वर्ल्ड कप फाइनल वाली पूरी रात जश्न मनाया गया था, लेकिन क्या आपको पता है कि वर्ल्ड को लेकर एक विवाद भी पैदा हो गया था और वो भी महेंद्र सिंह धोनी को लेकर।;
World Cup 2011 Final : भारतीय क्रिकेट टीम ने आज से 9 साल पहले आज ही के दिन 28 साल बाद वर्ल्ड जीतने का सूखा खत्म किया था। महेंद्र सिंह की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट टीम ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर वर्ल्ड कप 2011 का खिताब अपने नाम किया था। वर्ल्ड कप 2011 फाइनल की जीत के बाद पूरे देश में मानों दिवाली का जश्न शुरू हो गया था
युवराज सिंह, हरभजन सिंह, धोनी, गौतम गंभीर आदि क्रिकेटर्स ही नहीं क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर भी जीत के बाद भावुक हो गए थे जो और अपनी आंख से टपकते आंसुओं को रोक नहीं पाए थे। मुंबई में तो वर्ल्ड कप फाइनल वाली पूरी रात जश्न मनाया गया था, लेकिन क्या आपको पता है कि वर्ल्ड को लेकर एक विवाद भी पैदा हो गया था और वो भी महेंद्र सिंह धोनी को लेकर।
महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni)
श्रीलंका के विरुद्ध वर्ल्ड कप 2011 फाइनल में भारतीय क्रिकेट टीम ने 6 विकेट से मुकाबला जीता और इस मैच में कप्तान एमएस धोनी को मैन ऑफ द मैच चुना गया। एमएस धोनी ने इस मुकाबले में नॉट आउट 91 रन बनाए, और अंत में छक्का मारकर भारतीय टीम को जीत दिलाई। लेकिन इस जीत में एक खिलाड़ी का योगदान सबसे महत्वपूर्ण रहा था, और वो थे गौतम गंभीर। गौतम गंभीर ने 97 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी।
दरअसल गौतम गंभीर उस समय बल्लेबाजी करने आए जब सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग सस्ते में पवेलियन लौट गए थे। फिर उन्होंने पहले विराट कोहली के साथ और फिर धोनी के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया। हालांकि गौतम गंभीर अंत तक बल्लेबाजी नहीं कर सके लेकिन जब वो आउट हुए तब तक भारतीय टीम की जीत लगभग साफ हो चुकी थी।
गौतम गंभीर 97 इन वर्ल्ड कप 2011 (Gautam Gambhir 97 In World Cup 2011 Final)
कई क्रिकेट फैंस को उम्मीद थी कि गौतम गंभीर को ही मैन ऑफ द मैच चुना जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हालांकि दोनों खिलाड़ियों और किसी अन्य खिलाड़ी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी, क्योंकि एमएस धोनी ने अंत में अच्छी बल्लेबाजी की थी और उनका योगदान भी महत्वपूर्ण था।
बेशक गौतम गंभीर को मैन ऑफ द मैच नहीं मिला, लेकिन आज भी उनकी बात करते हुए सबसे पहले वर्ल्ड कप 2011 में उनके द्वारा खेली गई 97 रनों की पारी याद की जाती है।